नई दिल्ली- आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किये गये गाजियाबाद के अब्दुल करीम टुंडा को 1990 बम ब्लास्ट केस में अदालत ने बरी कर दिया। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने कथित तौर पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव अब्दुल करीम टुंडा को शनिवार को एक मामले में आरोपों से बरी कर दिया। टुंडा पर 1990 के दशक में देशभर में हुए तमाम बम धमाकों में शामिल होने का आरोप था !
जीहां दिल्ली की एक कोर्ट ने आज वर्ष 1994 में टाडा कानून के तहत लश्कर-ए-तैयबा के टॉप बॉम्ब एक्सपर्ट अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ दर्ज एक मामले में उसे आरोपमुक्त कर दिया। वर्ष 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से जिन 20 आतंकवादियों को उसे सौंपने के लिए कहा था, उसमें टुंडा भी शामिल था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्ण ने 73 वर्षीय टुंडा को टाडा (आतंकवादी एवं बाधाकारी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम), विस्फोटक सामग्री अधिनियम, शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी- ‘आपराधिक साजिश’ के तहत कथित अपराधों से आरोपमुक्त किया।
हालांकि टुंडा को जेल में ही रहना होगा क्योंकि उसके खिलाफ अब भी कई मामले लंबित हैं। दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने इस मामले में टुंडा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले के तहत 17 जनवरी 1994 को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और उसके पास से 150 किलो विस्फोटक तथा छह कटार कथित रूप से जब्त की गयी थीं।