डिंडोरी- मध्य प्रदेश के पूर्वी भाग में छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे जिला डिंडोरी के बजाग वन परिक्षेत्र के बैगाचक इलाके में खपरीपानी दुल्लोपुर और चांडा के जंगलों में भीषण आग लगी ! जंगल के अंदर हरे भरे पेड़ सुलग रहे है और चारो ओर धुंआ ही धुंआ दिखाई दे रहा है ! लेकिन हैरत की बात यह है कि वनअमला चैन की नींद में सोया हुआ है ! जंगलों में लगी भीषण आग से वन विभाग को करोड़ों रुपयों के नुकसान हो सकता है !
जंगलों में फैली आग से जहां इमारती लकड़ी जली है, वहीं औषधि पेड़ पौधे भी प्रभावित हो रहे हैं। जंगल में लगी आग से तेंदू के छोटे बड़े पेड़ भी जल गए हैं। ऐसे में तेंदूपत्ता का संग्रहण भी इस वर्ष प्रभावित होने की संभावना है ! आमतौर पर ग्रीष्म ऋतु शुरू होने से पहले ही वन विभाग द्वारा जंगलों में पत्तों की सफाई कराई जाती है।
पत्तों की सफाई करने का उद्देश्य यही होता है कि आग लगने पर जंगल न जल सके। ग्रामीणों का आरोप है कि इस बार वन विभाग द्वारा जंगलों में सूखे पत्तों की सफाई ही नहीं कराई गई। इसी के चलते आग ने पूरे वनपरिक्षेत्र में विकराल रूप धारण कर लिया। जंगलों में लगी आग पर वन सुरक्षा समिति ने भी वन विभाग के अधिकारियों की पोल खोल दी है !
वन सुरक्षा समिति के मुताबिक अगर समय रहते आग पर काबू पाने के सार्थक प्रयास किए जाते तो जंगल का बहुत बड़ा क्षेत्रफल जलने से बचाया जा सकता था। हालाँकि वन विभाग जल्द ही जंगलों में लगी इस भीषण आग पर काबू पाने का दावा कर रहा है !
आपको बता दें कि पंद्रह दिन पूर्व भी बजाग वन परिक्षेत्र के 14 बीटों में आग लगी थी लेकिन अचानक हुई बारिश की वजह से आग बुझ गई थी , लेकिन एक बार फिर इस क्षेत्र में बार-बार आग लगने के मामले सामने आया हैं। भीषण आग से जंगली जानवर भी प्रभावित हुए है। पक्षियों के घोसले भी जलकर खाक हुए हैं।
@दीपक नामदेव