नई दिल्ली- देश के वैश्विक शक्ति बनने के लिए अर्थव्यवस्था का विस्तार आवश्यक है। यह बात बुधवार को विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कही। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के छठे अंतर्राष्ट्रीय केंद्र कार्नेगी इंडिया की शुरुआत पर मुख्य वक्ता के तौर पर जयशंकर ने कहा, “वैश्विक शक्ति बनने की भारत की चाहत हमारी अर्थव्यवस्था के विस्तार पर टिकी हुई है।”
नई दिल्ली कार्नेगी एंडोमेंट का छठा केंद्र है। इसके अलावा वाशिंगटन, मॉस्को, बीजिंग, बेरूत और ब्रसेल्स में कार्नेगी के केंद्र पहले से काम कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि ‘पड़ोसी सबसे पहले’ भारतीय विदेश नीति में सर्वाधिक सुना जाने वाला शब्द है। उन्होंने कहा, “हमें अपने पड़ोसियों के साथ संपर्क काफी अधिक बढ़ाना होगा।”
उन्होंने कहा कि 2014 में काठमांडू सम्मेलन के बाद दक्षेस काफी महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत म्यांमार की नई सरकार से नाता जोड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि देश की पड़ोसी नीति का विस्तार अब पश्चिम में खाड़ी देशों और पूर्व में मलक्का जलडमरूमध्य तक हो चुका है।
विदेश नीति पर वर्तमान केंद्र सरकार के विशेष जोर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि करीब 130 देशों का मंत्रिस्तरीय दौरा संपन्न हो चुका है।
@इकोनॉमिक पॉवर के लिए अर्थव्यवस्था का विस्तार जरुरी