मुंबई- अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मुश्किलें बढ़ गई हैं ! क्योंकि राजन गैंग के ख़िलाफ़ सीबीआई ने मकोका के तहत दो नए मामले दर्ज किए हैं ! ये नए मामले कथित तौर पर जबरन वसूली और हत्या की कोशिश के हैं ! समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ 2013 में बिल्डर अजय गोसालिया और अरशद शेख की हत्या की कोशिश के मामले में सीबीआई जांच कर रही है ! आरोप है कि 55 साल के छोटा राजन गैंग के सदस्य इस साज़िश में शामिल थे !
आरोप है कि गोसालिया पर मलाड स्थित एक मॉल के बाहर दो शूटरों ने गोली चलाई थी, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गए थे ! मुंबई पुलिस ने तब राजन गैंग के कई सदस्यों को गिरफ़्तार किया था ! नीलेश नाम के व्यक्ति से 20 लाख रुपए जबरन वसूली के एक केस में राजन गैंग के सदस्यों के ख़िलाफ़ जांच चल रही है ! इसी केस में एक अन्य अभियुक्त भारत नेपाली की अब मौत हो चुकी है !
सूत्रों के मुताबिक़ नीलेश ने जान की धमकी मिलने के बाद 20 लाख रुपए दिए थे ! सीबीआई प्रवक्ता आरके गौर ने समाचार एजेंसी पीटीआई से पुष्टि की कि महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पर सीबीआई इन दो केसों की जांच कर रही है !
सीबीआई की एफ़आईआर में राजन का नाम नहीं है क्योंकि नियमों के तहत एजेंसी स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट को लेती है ! जांच के बाद कोर्ट को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में एजेंसी संदिग्धों के नाम शामिल कर सकती है या हटा सकती है ! दोनों मामले मकोका, आईपीसी की धारा और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किए गए है !
इससे पहले सीबीआई ने पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में केस दर्ज किया था जिन्हें राजन के कहने पर गोली मारने का आरोप है ! इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद पिछले साल 25 अक्टूबर को बाली में इंडोनेशिया पुलिस ने राजन को ऑस्ट्रेलिया से आने के तुरंत बाद गिरफ़्तार किया था ! 6 नवंबर 2015 को राजन को भारत निर्वासित किया गया था !
ज्ञात हो कि छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है। राजन हत्या, रंगदारी, तस्करी और मादक पदाथरें की तस्करी सहित 75 से ज्यादा मामलों में वांछित है। मुंबई पुलिस के पास उसके खिलाफ लगभग 70 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 20 मामले हत्या के हैं। चार मामले आतंकी एवं विध्वंसक गतिविधियां (रोकथाम) कानून के, एक मामला आतंकवाद रोकथाम कानून का और 20 से ज्यादा मामले कठोर कानून महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत दर्ज हैं।
दिल्ली पुलिस के पास राजन के खिलाफ छह मामले दर्ज हैं। एक समय पर राजन भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद का करीबी सहयोगी था लेकिन वर्ष 1993 के मुंबई विस्फोटों की साजिश से पहले ये दोनों अलग हो गए थे। वर्ष 2000 में दाउद के गुर्गों ने बैंकॉक के एक होटल में राजन का पता लगा लिया था और उस पर जानलेवा हमला किया था लेकिन वह होटल की पहली मंजिल से कूदकर नाटकीय ढंग से बच निकलने में सफल रहा था। राजन वर्ष 1988 में भारत से भागकर दुबई चला गया था।
{source:BBC}