रालेगण सिद्धि – भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने वाले मशहूर सामाजिक नेता अन्ना हजारे का उनके गांव के लोग विरोध कर रहे हैं। हालांकि जिस बात पर विरोध हो रहा है वो मामला भ्रष्टाचार से नहीं जुड़ा है। दरअसल सूखे का सामना कर रहे गांव वालों का मानना है कि अन्ना का पानी संरक्षण का मॉडल फेल हो चुका है और वो लोगों से जबरन उस मॉडल को अपनाने का दबाव बना रहे हैं।
रालेगण के एक किसान का कहना है कि हमेशा लोग उनकी बात क्यों सुनें। हम लोगों ने बोरवेल के लिए 50 हजार रुपए खर्च किए हैं। ये बात सही है कि अभी पानी की किल्लत है लेकिन मॉनसून के दस्तक के बाद हालात बदल जाएंगे।
किसानों ने कहा कि अन्ना के वॉटरशेड मैनेजमेंट का क्या फायदा है जब हम लोगों की फसलें सूख चुकी हैं। रालेगण सिद्धि भी भयंकर सूखे का सामना कर रहा है। और लोगों को दिनचर्या जारी रखने के लिए टैंकरों की मदद लेनी पड़ रही है। ऐसे में अन्ना की मुहिम की विरोध की वजह से उन लोगों को हैरानी हो रही है जो उनके मॉडल को देखने के लिए लोग रालेगण सिद्धि आया करते हैं।
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