15.1 C
Indore
Monday, November 25, 2024

राजन के पीछे क्यों स्वामी?

Subramanian Swamy

डॉ सुब्रहमण्यम स्वामी ने बदहाल आर्थिकी का ठिकरा रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन पर फोड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है। इसका सियासी अर्थ क्या यह माने कि वित्त मंत्रालय में अरुण जेटली की कमान पुख्ता है? जेटली ने कोशिश की लेकिन आर्थिकी का भठ्ठा बैठा या बेरोजगारी बढ़ी है तो वजह रिजर्व बैंक की नीतियां है। मतलब एक मायने में डा स्वामी ने अरुण जेटली की वाह बना दी है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विचार नहीं करना चाहिए। सीधे रघुराम राजन को हटाएं तो अपने आप आर्थिकी ठीक होगी। सचमुच रघुराम राजन के खिलाफ डा स्वामी का मोर्चा खोलना चौंकाता है। सो माना जा सकता है कि रघुराज राजन को दोबारा गर्वनर नहीं बनाया जाएगा। यदि प्रधानमंत्री ने किसी पेशेवर को वित्त मंत्रालय में बैठाने की सोची तो उसमें भी रघुराम राजन पर विचार नहीं होगा। डा स्वामी इतने कच्चे खिलाड़ी नहीं है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोच-विचार को न बूझ सके। डा स्वामी ने कुछ जान कर ही रघुराम राजन को ले कर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और वह मीडिया में लीक भी हुआ।

सो डा स्वामी छटपटा रहे हैं। कई मोर्चे एक साथ खोले हुए हैं। उत्तराखंड में मोदी सरकार और भाजपा की किरकीरी हुई तो उन्होंने एटार्नी-जनरल मुकुल रोहतगी और अरुण जेटली पर निशाना साधा। वे वित्त से ले कर कानून, मंदिर, भ्रष्टाचार, सोनिया-राहुल विरोध के कई मोर्चे खोले हुए हैं। रघुराम राजन का ताजा मोर्चा ऐसे वक्त खुला है जब मोदी सरकार दो साल के कार्यकाल का जश्न मनाने वाली है। जब उपलब्धियों और जश्न का माहौल है तब यह कहना मामूली नहीं है कि औद्योगिक गतिविधियों के भठ्ठा बैठे हुए होने और बेरोजगारी के लिए रिजर्व बैंक जिम्मेदार है। डा स्वामी ने आर्थिकी की यह जो हकीकत बताई है उसे देश-दुनिया जानती है। पर उसके लिए गर्वनर को जिम्मेवार ठहराना नया आयाम है। इसमें सरकार का बचाव बनता है। फोकस बदलता है।

संदेह नहीं कि आज का नंबर एक सवाल यह है कि आर्थिकी में जोश कहां है? इसलिए कि गतिविधियां नहीं ठहराव हैं। बूम नहीं मंदी है। उद्योगपति, कारोबारी, व्यापारी सभी के पांव ठिठके हुए या उखड़े हुए है किसी को समझ नहीं आ रहा है कि आर्थिकी कब उछलने लगेगी! यह आज का संकट है लेकिन डा स्वामी और सरकार या तमाम आर्थिक पंडित इस हकीकत को भूल जाते है कि 2013-14 में महंगाई में आम जनता खदबदाई थी। महंगाई और मुद्रास्फीति का इतना लंबा दौर चला कि तब मनमोहन सिंह और चिदंबरम किसी को समझ नहीं आ रहा था कि महंगाई कैसे रूके? उस नाते रघुराम राजन ने रिजर्व बैंक की कमान संभालने के साथ जो किया उसका नतीजा है जो महंगाई काबू में है। मुद्रास्फीति बेलगाम नहीं है। बतौर रिजर्व बैंक प्रमुख रघुराम राजन के पास मौद्रिक नीति का जो औजार था उससे वे जो कर सकते थे उसे किया और ब्याज दर को ऊंचा बना कर करेंसी का प्रचलन, फैलाव घटाया और मुद्रास्फीति को काबू में किया।

इस सबके साथ ब्याज दर का बढ़ना स्वभाविक था। कईयों का मानना है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आते ही रघुराम राजन को नए मूड और माहौल को बूझते हुए ब्याज दर तेजी से घटानी थी। उन्हें नए निवेश पर फोकस करना था। महंगाई और मुद्रास्फीति की चिंता नहीं करते और ब्याज दर ऐसे घटाते कि हर कोई बैंकों से पैसा लेने दौड़ पड़ता। इससे निवेश और मांग दोनों बढ़ते और उसके अनुपात में आर्थिकी, औद्योगिक गतिविधियां भी दौड़ पड़ती।

ऐसा होना चाहिए था। अपन भी इसके हिमायती रहे हैं। लेकिन रघुराम राजन ने ऐसा नहीं किया और यूपीए सरकार के वक्त अपनाई अपनी नीति पर वे कायम रहे तो इसके उनके अपने आधार हैं। बतौर अर्थशास्त्री उन्होंने जो सोचा-समझा उस अनुसार अपनी एप्रोच बनाई। रिजर्व बैंक अपनी सोच और समझ अनुसार फैसला करने को स्वतंत्र होता है। ऐसा दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों में होता है। अमेरिका में राष्ट्रपति और उनका प्रशासन वहां के फेडरल बैंक की रीति-नीति के आगे कुछ नहीं कर सकता। वहां भी ब्याज दर को ले कर सरकार और केंद्रीय बैंक कई बार आमने-सामने होते हैं।

इसलिए हैरानी वाली बात है कि इस सबको समझते हुए डा सुब्रहमण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन के खिलाफ मोर्चा खोला। डा स्वामी ने ब्याज दर के अलावा बैंकों के एनपीए याकि फंसे हुए कर्जों के लिए भी गर्वनर को जिम्मेवार ठहराया है। उनके दो साल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का दिया कर्ज दो गुना अधिक खराब हुआ है। साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के खराब कर्ज हो गए है। डा स्वामी का लबोलुआब है कि राजन ने भारत की आर्थिकी में बाधाएं अधिक डाली वनिस्पत उन्हें सुधारने के। चालाकी से उन्होंने आर्थिकी को बरबाद किया है और राजन भारत की मनोदशा के अनुकूल नहीं हैं।

जाहिर है डा स्वामी के शब्द तल्ख है। यों रघुराम राजन और डा स्वामी में किसी कारणवश पहले से ही 36 के रिश्ते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भी डा स्वामी ने कहां था कि हम सत्ता में आए तो ऐसा करेंगे जिससे राजन छोड़ कर चले जाए। उन्हें वे रिजर्व बैंक के गर्वनर के लिए फिट नहीं बताते थे।

जो हो, डा स्वामी के कहे का असर होना है। यों सरकार के बचाव की राजन को जरूरत नहीं है। यों भी सितंबर तक का उनका कार्यकाल है। उससे पहले बहुत कुछ होना है।

लेखक: वेद प्रताप वैदिक

Related Articles

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

EVM से फर्जी वोट डाले जाते है! BSP देश में अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी- मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते...

Sambhal Jama Masjid Survey- संभल शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान पथराव,हंगामा उपद्रवियों को हिरासत में लिया

Jama Masjid Survey Live: एसपी ने कहा कि उपद्रवियों ने मस्जिक के बाहर उपनिरिक्षकों की गाड़ियों में आग लगाई थी. साथ ही पथराव किया...

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...