नई दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी और उससे अधिक क्षमता वाले डीजल गाड़ियों के पंजीकरण की अनुमति दी, इसके लिये शोरूम कीमत के एक प्रतिशत के बराबर राशि हरित-उपकर के रूप में जमा करनी होगी।
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न्यायालय ने कहा कि एक प्रतिशत हरित उपकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष जमा करना होगा। बोर्ड इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के किसी बैंक में एक अलग खाता खोलेगा।
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न्यायालय केंद्र की इस आपत्ति पर सुनवाई के लिये तैयार है कि न्यायालय इस प्रकार का शुल्क नहीं लगा सकता। न्यायालय ने कहा कि वह 2000 सीसी से कम क्षमता वाले डीजल वाहनों पर हरित उपकर लगाने के बारे में बाद में निर्णय करेगा।
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गौरलतब है कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने 2000 सीसी से ऊपर की नई डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी थी। गौरतलब है कि 2000 सीसी से ऊपर का ज्यादातर डीजल गाड़ियां एसयूवी और लग्जरी कैटेगरी में आती हैं। बैन हटने से ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी बड़ी राहत मिली है।
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