फतेहपुर- 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक पार्टियां यूपी में सक्रीय हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पारिवारिक विवाद या यूपी सीएम अखिलेश के मुताबिक राजनैतिक कलह पर सभी की निगाहें हैं। इस बारे में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व वक्फ बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष राफे राणा से चाचा भतीजे के बीच पद को लेकर छिड़े विवाद के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी भी तरह का कोई मतभेद नहीं है और सभी लोग मिलकर विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे ।नेता जी का फरमान सभी को मानना होगा ।
एक कार्यक्रम में शिरकत करने आये राफे राना ने शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव का नाम लेकर कहा है कि इन लोगो के बीच पद को लेकर कोई मतभेद नहीं हैं । मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल से जो भी पद ले लिये थे । नेता जी ने फिर से शिवपाल जी का सम्मान वापस करने के लिए उनके जो भी पद थे वापस कर दिये ।
उन्होंने सपा सरकार द्वारा किये गए कामकाज की तारीफ़ करते हुए कहा कि इस बार सपा को जो भी वोट मिलेगा वो सब विकास के नाम का होगा और सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे, जीतेंगे भी । प्रदेश में एक बार फिर से फुल बहुमत से सपा की सरकार बनेगी । राफे राना से पूछा गया कि अगर हुसेनगंज विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी मो. सफ़ीर को टिकट दे रही है तो क्या 2012 के विधान सभा चुनाव की तर्ज पर आप उनका समर्थन करेंगे ।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से मो. सफ़ीर जी व उनके समर्थको ने विधान सभा के चुनाव में ” नेता जी से बैर नहीं राफे राना की खैर नहीं ” का नारा देकर मेरा विरोध किया तो अगर उसी तर्ज पर मै भी विरोध करु तो उनमें और मुझमें क्या फर्क रह जाएगा । यदि पार्टी से श्री सफ़ीर जी को टिकट मिल रहा है चुनाव लड़ने के लिए तो हम बिल्कुल उनका पूरा समर्थन कर एक बार फिर से विधान सभा भेजने का काम करेंगे ।
उन्होंने कहा कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव से कई मंत्रालय छीन लिए थे । इसके बाद राजनीतिक बाज़ार गर्म हो गया था । लेकिन इस समय सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है । अब पार्टी में किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है । थोड़ा बहुत तो हर राजनितिक पार्टियो में आपसी तनाव तो बना ही रहता है ।
रिपोर्ट- @सरवरे आलम