मंडला – मंडला जिले के विश्वप्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिज़र्व के खटिया रेंज के बफर ज़ोन मानेगांव क्षेत्र में मिले मृत बाघ के मामले से पार्क प्रबंधन ने पर्दा उठाते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 22 अक्टूबर को एक वयस्क बाघ का शव मिला था जिसके सभी चारों पैर गायब थे। आरोपियों ने जंगली सूअर के लिए बिजली का तार बिछाया था लेकिन बाघ उसकी चपेट में आ गया। इस मामले में महज 3 दिनों के अंदर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करना लेना पार्क प्रबंधन की एक बड़ी सफलता है।
कान्हा टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन मानेगांव में मिले बाघ के शिकारियों को गिरफ्तार करने में पार्क प्रबंधन ने कामयाबी हासिल कर ली है। पार्क के फील्ड डायरेक्टर संजय शुक्ला ने बताया कि बाघ के शिकार के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों ने जंगली सूअर के लिए बिजली का तार बिछाया था लेकिन उसकी चपेट में आने से बाघ की मौत हो गई। आरोपियों ने जब देखा कि बिजली के तार की चपेट में आने से टाइगर की मौत हो गई है तो वे डर गए। करीब आधे घंटे बाद उन्होंने मृत बाघ को वही लेंटाना की झाड़ियों में छिपा दिया और भाग गए। इसी बीच एक आरोपी देवी सिंह को लालच आ गया और उसने सोचा कि टाइगर के पंजे से वो कुछ पैसे काम सकता है तो उसने टाइगर के पैर काट लिए।
पार्क प्रबंधन लगातार डॉग स्कॉड के जरिये आरोपियों को खोजने का प्रयास कर रहा था। लगातार डॉग स्कॉड के मूवमेंट से आरोपी घबरा गया और उसने बाघ के पैर बंजर नदी में छिपा दिए। कुछ घंटे बाद उसे लगा कि पानी में वो ख़राब हो जायेगे तो उसने उन्हें नदी से निकालकर पेड़ पर छिपा दिया। लगातार हो रही सर्चिंग से वह घबरा गया और वो एक बंजर नदी के एक सूनसान क्षेत्र में टाइगर के पैर जलाने लगा, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पार्क प्रबंधन ने बाघ के अधजले पैरों के साथ शिकार में उपयोग की गई सामग्री के साथ सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किये गए आरोपियों में देवी सिंह, धीर सिंह, ज्ञान सिंह, सुन्दर लाल, धर्म सिंह और छोटे लाल शामिल है।
कान्हा टाइगर रिज़र्व में लगातार सामने आ रहे शिकार के मामले के बाद पार्क की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल पर पार्क प्रबंधन ने अपनी सफाई दी है। प्रबंधन का कहना है वन्य प्राणी बहुल क्षेत्र हमेशा संवेदनशील रहता है और अवैध शिकारियों की हमेशा उन पर नज़र रहती है। कान्हा में सुरक्षा के व्यापक इंतिज़ाम किये गए है। गस्ती को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। कैमरा ट्रैप के जरिये प्रभावी तरीके से टाइगर्स पर नज़र राखी जा रही है। भविष्य में ई सर्विलांस के जरिये भी संवेदनशील जगहों पर नज़र रखी जाएगी।
@सैयद जावेद अली