मण्डला – मण्डला जिले की विभिन्न शिल्प कलाओं से नागरिकों को परिचित कराने और जिले के विभिन्न शिल्प कलाकारों को एक मंच पर लाकर उन्हें एक निश्चित बाजार उपलब्ध कराने के लिये आयोजित तीन दिवसीय शिल्पी दीप मेला का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। शुभारंभ के साथ ही अतिथियों ने विभिन्न शिल्पियों द्वारा लगाये गये उत्पाद के स्टॉलों का अवलोकन किया।
जिला पंचायत मण्डला द्वारा जिले के माटी, बांस, काष्ठ, मेटल एवं अन्य शिल्प के कलाकारों द्वारा कई वर्षों से हस्त शिल्प ग्रामोद्योग एवं लघु कुटीर उद्योगों के माध्यम से कलाकृतियां तैयार की जा रही थीं और उनके सहारे अपनी आजीविका चलाने का प्रयास किया जा रहा था। जिला पंचायत द्वारा इन कलाकारों को एक मंच पर लाकर उनकी कला को प्रोत्साहित करने तथा नागरिकों को उनसे परिचित कराने के उद्देश्य से इस शिल्पी दीप की परिकल्पना कर उसे साकार किया गया। इस मेले में जिले में उत्पादित सांबा, कुटकी, कोदो, जगनी आदि के पौष्टिक व्यंजन, स्थानीय खाद्यान्न से बने स्नेक्स, वनौषधि, रेशम उत्पादन, हथकरघा उत्पाद, बांस शिल्प कला, जूट शिल्प, गौंडी शिल्प कला, मिट्टी की कलाकृत्तियों आदि के स्टॉल विभिन्न कलाकारों एवं स्व सहायता समूहों ने लगाये हैं जहां निश्चित मूल्य पर उनका विक्रय भी किया जा रहा है।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति संपतिया उइके ने कहा कि जिले के अनेक शिल्पी शासन द्वारा आयोजित विभिन्न शिल्प मेलों में अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन एवं विक्रय कर चुके है उनकी कलाकृतियों को जिले के नागरिक पहचाने और समझे तथा उनका उपयोग कर शिल्पियों को प्रोत्साहित करें यही शिल्पी दीप मेले का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इन शिल्पियों के अधिकांश कलाकृतियां इस मेले में विक्रय हो जिससे उनका और अधिक उत्साहवर्धन हो सके और उनकी आय भी बढ़ सके यही कामना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये नगरपालिका अध्यक्ष अनिल बाबा मिश्रा ने कहा कि शिल्पी दीप मेेले में आये सभी शिल्पियों का नगर प्रशासन की ओर से अभिनंदन है। आशा करते है कि इन शिल्पियों की कला और निखरे तथा देश विदेश में वे जिले की पहचान बनाकर इसे गौरवांन्वित करें।
जिला पंचायत के उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा ने कहा कि यह मेला पूर्व वर्षो में कान्हा में आयोजित किया जाता था। गत वर्ष तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे विजय कुमार के संयुक्त प्रयासों से इन शिल्पियों को जिला मुख्यालय में एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया। इसके साथ ही इन शिल्पियों को चिन्ह्ति कर जिला पंचायत द्वारा परिचय पत्र भी जारी किये गये है। इससे इनके व्यवसाय एवं कला को एक पहचान मिली है। इस मौके पर आदिवासी लोक नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
@सैयद जावेद अली