प्रधानमंत्री जी के इस निर्णय के बाद हम सभी ने इस फैसले का स्वागत किया और अब हम सभी कालेधन के खिलाफ इस जंग में शामिल हो चुके है। सारी परेशानियां उठा रहे है सब्जीवाले, ठेलेवाले, छोटे बड़े व्यापारी, कामकाजी लोग, किसान, घरेलू महिलाएं, ये सभी आज केवल कतारो में नोट निकालने नही खड़े है ये खड़े है उन लोगो को सबक सिखाने जिन्होंने देश को लूटकर अपनी तिजोरियां भरी है। देश की ये एकता और अंखड़ता सर्जिकल स्ट्राइक के समय भी देखने को मिली थी जब हर नागरिक, युवा जवानो की ही तरह आतंकवाद के खिलाफ बन्दुक उठा कर लड़ने को अपने प्राणों की आहुति देने को भी तत्पर था, पर यह सोभाग्य सभी को प्राप्त नही हो पाता। किन्तु अब हमारे पास मौका है इस सोभाग्य को प्राप्त करने का बस बन्दूको द्वारा लड़ने की अपेक्षा तरीका बदल गया है। हम अपनी सुख सुविधाओ, जरुरतो को त्याग मुसीबते झेलते हुए लड़ रहे है देश के अंदर बैठे उन भ्रष्टाचारियो, गद्दारो से। और इस जंग के परिणाम भी हमारे सामने लगातार आ रहे है नेताओ द्वारा गरीबो को पैसा बांटा जा रहा है, नदियो, नालो में पैसा बहाया जा रहा है, श्मशानों मैदानों में काला पैसा जलकर धुँआ होते स्पष्ट नजर आ आरहा है।
इसी बिच नेताओ की भी लगातार बयानबाजी सामने आरही है जो अपने बयानों से अपने इरादे और दुखड़े जनता की परेशानियों का कन्धा बनाकर फुटफुट कर सुना रहे है। इनके अपने जख्म उभर कर दिखाई दे रहै है जिन जख्मो पर हम सभी ने फैसले का स्वागत कर नमक छिड़क दिया है शायद इसलिये अब नमक भी लूटा जा रहा है।
देश में अब तक हुए भ्रष्टाचार पर तो हम काबू पा रहे है। लकिन अब सवाल ये है की क्या आगे ये फैसला भरष्टाचार पर पूरी तरह लगाम कसने में निर्णायक साबित होगा? इसके लिए फिलहाल कोई तथ्य और आंकड़े नही है लकिन अब यदि किसी दफ्तर में या किसी अन्य जगह आपको अपना काम करवाने के लिए पैसो की मांग की जाये उस समय ये जंग याद करलेना जो आज हम लड़ रहे है आपकी मेहनत के पैसे आपने किस तरह दिनभर लाइनों में खड़े होकर निकाले है? मुझे लगता है तब आप अपना कोई भी काम करवाने के लिये पैसा देने से ज्यादा मांगने वाले के मुह पर जूता मारना ज्यादा उचित समझेगे।
इस फैसले से बीमार लोगो को अस्पतालो में बहुत सारी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है पैसे की कमी से इलाज में कई तरह की परेशानिया आ रही है।कई लोगो की जाने गई है ये जाने बलिदान है जो देश के लिए हमने दिया है। इस बलिदान के बदले हम भ्रष्टाचारिओ के खिलाफ एक ऐसा कडा कानून चाहते है जिसमे भ्रष्टाचार करने पर पकडे जाने वाले लोगो पर कड़ी कार्यवाही नही सजा-ऐ- मौत का प्रावधान हो।
अभी कृपा हम कतारो में खड़े होकर धक्का मुक्की, झूमा झपटी ना करे। होने वाली परेशानियो का क्रोध आगे समय पर इन भ्रष्टाचारियो के मुह पर जुता मारकर निकाले।
#Ashwin_rathore
यह लेखक के अपने विचार है ,यह लेख लेखक अश्विन राठौर की फेसबुक वाल से लिया गया है।