खंडवा (हर्ष उपाध्याय ) : खंडवा में बाल दिवस मौके के पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमे पत्रकारिता के युग पुरुष पंडित माखन लाल चतुर्वेदी की स्मृतियों को दिखाया गया। माखन लाल चतुर्वेदी द्वारा सम्पादित अख़बार कर्मवीर के अंको को भी प्रदर्सित किया गया। कर्मवीर के 27 नवम्बर 1937 के अंक में माखन लाल चतुर्वेदी पहले पन्ने पर पंडित जवाहर लाल नेहरू को राष्ट्रपति के पद से संबोधित है इस पन्ने पर रवीन्द्रनाथ ठाकुर और महामना मालवीय जी की तस्वीर भी है। जानकारों ने उन्हें पंडित जवाहरलाल नेहरू का करीबी बताते हुए कहा की माखन लाल चतुर्वेदी नेहरू को राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते थे। आप को बता दे आज जवाहरलाल की जयन्ति है। प्रदर्शनी का आयोजन मध्य प्रदेश मीडिया संघ ने किया।
माखनलाल चतुर्वेदी भारत की आजादी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे है हालांकि वे एक साहित्यकार और राष्ट्र कवि के रूप में भी जाने जाते है । स्वतंत्रता संग्राम के चलते जेल में रहते हुए उन्होंने बहुत सी रचनाएँ लिखी थी। उन्हीं मे से एक पुष्प की अभिलाषा जो राष्ट्र प्रेम से हमें ओतप्रोत करती है। माखनलाल चतुर्वेदी ने खंडवा से एक अख़बार कर्मवीर के नाम से निकाला था। उसी कर्मवीर के 27 नवम्बर 1937 के अंक में माखन लाल चतुर्वेदी पहले पन्ने पर पंडित जवाहर लाल नेहरू को राष्ट्रपति के पद से संबोधित है। दरअसल यह खुलासा तब हुआ जब आज मीडिया संघ ने एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। प्रदर्शनी के उद्घाटन में अथिति के तौर शामिल हुए साहित्यकार प्रताप राव कदम ने कहा की माखनलाल जी साहित्यकार पत्रकार थे उस समय पत्रकार और साहित्यकार एक ही नाव पर सवार थे। हालांकि 1937 में सरदार पटेल और माखनलाल में मतभेद के चलते माखनलाल ने सक्रीय राजनीति को छोड़ दिया था। श्री कदम ने कहा की तत्कालीन समय में कांग्रेस के पास बम्पर मेजोरिटी थी और उसी से प्रेरित होकर उन्होंने शायद नेहरू को राष्ट्रपति के रूप में संबोधित किया होगा।
वही मध्य प्रदेश मीडिया संघ के प्रवक्ता सुनील जैन ने कहा कि माखनलाल जी पंडित नेहरू के करीबी थे। इसलिय वह नेहरू को प्रधानमंत्री के साथ साथ ही राष्ट्र पति के रूप में भी देखना चाहते थे जवाहर लाल से स्नेह के चलते ही माखनलाल जी ने उन्हें अपने समाचार पत्र में राष्ट्रपति कह कर संबोधित किया। प्रदर्शनी का आयोजन माणिक स्मारक वाचनालय में किया गया है।