मण्डला : आपने तरह-तरह की शादियां जरूर देखी होगी, लेकिन मंडला के आदिवासी समाज की शादी का तरीका दुनिया में सबसे अलग और जुदा हैं। आधुनिकता के इस जमाने में आज भी इनका वैवाहिक आयोजन का अंदाज किसी मिसाल से कम नहीं है।
दुल्हन तो लाल जोडे में ही बाबुल के घर से विदा होती है, लेकिन मंडला जिले का भीमडोंगरी गांव इसका अपवाद बना हुआ है। इस गांव के आदिवासी समाज के लोग रंगीन साड़ी की बजाय सफेद साडी में दुल्हन को ब्याह कर घर लाते हैं। बात सिर्फ दुल्हन की ही नहीं हैं, बल्कि गांव का हर बाशिंदा सफेद लिबास में नजर आता है। यहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग और दुल्हन से लेकर विधवा सभी सफेद पोशाक पहनते हैं। यहां मातम और जश्न का एक ही लिबास है।
पहनावा देखकर यह अंदाज लगाना बड़ा मुश्किल होगा कि यहां शादी की खुशियां हैं या मौत का मातम। इनकी शादियां अन्य समाजों की रीति रिवाज से परे होती हैं। शादियों में जयमाला की पद्धति नहीं होती है। सबसे चैंकाने वाली बात तो यह होती है कि वधु पक्ष के घर में सिर्फ चार फेरे होते हैं और बचे तीन फेरे विदाई के बाद वर पक्ष के घर में होते हैं।
@सैयद जावेद अली