बाड़मेर : रक्तदान हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। रक्तदान करके कई लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। रक्तदान को लेकर आज भी कई भ्रांतियां है। ऐसे में हम जागरूक लोगों की जिम्मेदारी है कि हम भ्रांतियों को दूर करने के साथ आमजन को रक्तदान के लिए प्रेरित करें। राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल सेक्टर मुख्यालय पर रक्तदान शिविर में जवानों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
राजस्व राज्य मंत्री अमराराम चौधरी ने कहा कि हमें यह बात समझनी होगी कि अगर एक व्यक्ति रक्तदान करता है तो तीन लोगों को जीवनदान मिलता है। उन्होंने कहा कि इस बात की बेहद खुशी है कि सीमा सुरक्षा बल के जवान सरहद की हिफाजत के साथ आम आदमी की जिन्दगी को बचाने के लिए रक्तदान के जरिए अनूठी पहल कर रहे है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से कई लोगों से खून का रिश्ता बन जाता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए वृहद स्तर पर प्रयास करने की जरूरत है।
इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल बाड़मेर सेक्टर के उप महानिरीक्षक प्रतुल गौतम ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान रक्तदान के लिए सदैव तत्पर है।उन्होंने रक्तदान के विविध पहलूओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि देश में कई बार सही समय पर रक्त न मिलने की वजह से प्रति वर्ष कई लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में हुए घायलों , गर्भावस्था से गुजर रही महिलाओं , बड़ी सर्जरी वाले मरीज, कैंसर के शिकार व्यक्तियों एवं थैलीसीमिया के शिकार बच्चों को सुरक्षित रक्त की बेहद आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान करके न सिर्फ किसी की जिन्दगी बचाने जैसी अनमोल खुशी मिलती है बल्कि इससे हमारी सेहत को भी फायदा पहुंचता है। उन्होंने कहा रक्तदान से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि रक्तदान से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान में जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में फिर से बन जाता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।
उन्होंने कहा कि रक्तदान के प्रति अधिकाधिक लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इससे पहले सेक्टर मुख्यालय पर उप महानिरीक्षक प्रतुल गौतम ने फीता काटकर रक्तदान शिविर का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान सेक्टर मुख्यालय कमाडेंट श्याम कपूर, 72 वाहिनी के कमाडेंट आशुतोष शर्मा, द्वितीय कमान अधिकारी रविन्द्र ठाकुर, उप समादेष्टा मनोज मीणा, डिप्टी कमाडेंट हनीफ खान, लायंस क्लब मालाणी के राजू मितल समेत विभिन्न अधिकारियों एवं सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने रक्तदान किया। इस दौरान मोहनलाल गहलोत ने जवानों की वीरता पर आधारित कविता की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए लायंस क्लब मालाणी के निदेशक कैलाश कोटडिया ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के साथ मिलकर सामाजिक सरोकार के कार्यक्रमो में उनकी सक्रिय भागीदारी लगातार जारी रहेगी। इस पर सीमा सुरक्षा बल के समादेष्टा रमेश कुमार, लायंस क्लब मालाणी के अध्यक्ष राजेश खत्री, एडवोकेट किरण मंगल, प्रो.एस.के.जैन, डा.जी.सी.लखारा, रामसिंह भंवरिया, राकेश बोथरा समेत कई अधिकारी एवं क्लब सदस्य उपस्थित रहे। रक्तदान शिविर में डा.मोतीलाल खत्री एवं ओम छंगाणी के साथ राजकीय चिकित्सालय की टीम ने सेवाएं दी।
बाड़मेर से रक्तदान की शुरूआत और सिल्वर जुबली का रिकार्ड
गौरव सेनानी के.सी.अहलावत ने 1984 में जालीपा सैन्य छावनी से रक्तदान की शुरूआत की थी। मंगलवार को सीमा सुरक्षा बल सेक्टर मुख्यालय पर आयोजित रक्तदान शिविर में उन्होंने पचासवीं मर्तबा रक्तदान कर सिल्वर जुबली का रिकार्ड बनाया। अपने व्यक्तिगत कार्य से बाड़मेर आए अहलावत को रक्तदान शिविर का पता चला तो रक्तदान के लिए पहुंच गए।
सेना में हवलदार रह चुके हरियाणा के झंझर जिले के रहने वाले के.सी.अहलावत के मुताबिक वे लगातार 1984 से रक्तदान कर रहे है। उनके मुताबिक वे लगातार आमजन को रक्तदान के लिए मोटिवेट करते है। उन्होंने बताया कि वे अपनी पेंशन का चौथा हिस्सा समाजसेवा में देते है। उन्होंने अपने एक साथी के साथ मिलकर गांव बरआना में बैंक की शाखा भी खुलवाई है। उनके अनुसार रक्त दान से हमारी सेहत को होने वाले लाभ और इसके जरिए कई लोगांे की जान बचाने के बारे में जागरूकता फैलानी जानी चाहिए। उनके मुताबिक आम भ्रांति है कि रक्तदान करने से लोग बीमार पड़ जाते हैं, शरीर में खून की कमी हो जाती है, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, जबकि रक्तदान सुरक्षित, फायदेमंद होता है और सभी सेहतमंद लोगों को रक्तदान जरूर करना चाहिए।