नई दिल्ली- आज बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान पर आर्म्स एक्ट के तहत जोधपुर की एक अदालत ने सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दलपत सिंह राजपुरोहित ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के आदेश दिए।
सलमान खान के वकील हस्तीमल सारास्वत ने मीडिया को अदालत के आदेश से अवगत कराते हुए बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष सलमान के विरुद्ध आरोपों को साबित नहीं कर सका। लिहाज़ा, कोर्ट ने उन्हें बरी करने के आदेश दिए।
वहीँ सलमान खान की बहन अलवीरा भी कोर्ट परिसर में मौजूद है। बता दें कि सलमान खान के अच्छे-बुरे दिन में हमेशा उनकी बहन ही दिखाई दे जाती हैं। आज भी बैल या जेल के मामले में भी वह सलमान खान के साथ मौजूद हैं। फैसले के वक्त जोधपुर कोर्ट में सलमान खान अपनी बहन अलवीरा के साथ मौजूद थे। सलमान खान ने फैसले के बाद खुशी जताते हुए अपनी बहन अलवीरा से हाथ मिलाया और कई फैंस को ऑटोग्राफ दिया। फिर सलमान कोर्ट परिसर से रवाना हो गए।
गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने जुलाई 2016 में सबूतों के अभाव में सलमान को इस मामले में बरी कर दिया था। सलमान खान के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 और 25 के तहत केस चल रहा है।
क्या है सलमान खान पर केस?
साल 1998 में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान सलमान खान पर अवैध शिकार का आरोप लगा था। इसमें सलमान खान के खिलाफ चार केस दर्ज हुए थे। एक केस कांकाणी में शिकार में अवैध हथियार के इस्तेमाल का भी था जिस पर आर्म्स एक्ट के तहत केस चल रहा है और आज इसी पर फैसला आना है।
क्या है आर्म्स एक्ट के तहत केस?
एक और दो अक्टूबर 1998 की रात जोधपुर के पास कांकाणी में दो काले हिरण के शिकार का आरोप सलमान खान पर लगा। आरोप है कि शिकार के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार एक पिस्टल और एक राइफल का लाइसेंस खत्म हो गया था और इन हथियारों के लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराया गया था। 15 अक्टूबर 1998 को आर्म्स एक्ट की दो धाराओं 3 बटा 25 और 3 बटा 27 के तहत सलमान खान पर केस दर्ज हुआ।
सलमान खान के खिलाफ अक्तूबर 1998 में आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 और 3/27 में मामला दर्ज किया गया था। धारा 3/25 के अनुसार वैध लाइसेंस के बगैर हथियार रखना। ये हथियार अवैध माने जाते है। और इस धारा के तहत अधिकतम तीन साल की सजा प्रावधान है।