ओंकारेश्वर- नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा के ओंकारेश्वर आगमन पर प्रदेश सरकार द्वारा आदि शंकराचार्य पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। ब्रह्मपुरी क्षेत्र स्थित महानिरंजनी अखाड़े में आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संतों और अतिथियों का स्वागत कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर को यात्रा कर से मुक्त करने की घोषणा की, सीएम ने कहा कि अब यहां पर कोई यात्रा कर नहीं लगेगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदि शंकराचार्य की बड़ी प्रतिमा ओंकारेश्वर में लगेगी। जिसके लिए अवधेशानंद महाराज जी के कहने पर पूरे प्रदेश से धातु ( मेटल) इकठा कर के इस प्रतिमा को बनाया जायेगा।
संगोष्ठी की अध्यक्षता जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज कर रहे हैं। कार्यक्रम में चिन्मय मिशन के स्वामी तेजोमयानंद महाराज, साध्वी ऋतुंभरा दीदी, रामकृष्ण मिशन के स्वामी निर्विकानंद महाराज, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी, संस्कार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अमीर चंद्र, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्व कुलपति व कांचीपीठ के प्रतिनिधि बी कुटुम्ब शास्त्री, फिल्म निर्देशक व अभिनेता चंद्रप्रकाश द्विवेदी तथा संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा भी उपस्थित हैं।
संगोष्ठी की अध्यक्षता जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने चार पीठ की स्थापना कर देश को एक सूत्र में जोड़ा है। हमारी संकृति वासुदेव कुटुम्भकाम की है। आदि शंकराचार्य ने जो कुछ किया उसी के कारण देश बचा हुआ है। ओम्कारेश्वर में लाइट एंड साउंड शो , पाठ्यक्रमो में आदि शंकराचार्य का पाठ पढ़ाया जाएं। स्काई बाग से तीन मंदिरों को जोड़ा जायगा। जहा आवश्यकता होगी घाटों का निर्माण होगा । तीर्थ कर ख़त्म होगा। निशिचत जल की धरा नर्मदा में छोड़ेंगे
आदि शंकराचार्य की एक बड़ी प्रतिमा ओंकारेश्वर में लगेगी।
संघवी ऋतंभरा जी ने कहा कि आदि शंकराचार्य ने अपने दर्शन में कहा है कि एक जोत है सब नूर एक है । नर्मदा माँ है नर्मदा में हम संतानी को मलमूत्र करना शोभा नहीं देता। हम संकल्प ले की हम माँ नर्मदा में गन्दगी नहीं करेंगे। हम बड़ी और केमिकल की मूर्तियों को मानते है जबकि छोटी मूर्ति से भी हम पूजा कर सकते है तो हम नमर्दा को बड़ी और केमिकल की मूर्ति दाल कर क्यों गन्दा करते है । नर्मदा सेवा यात्रा के माध्यम से संकल्प ले की नर्मदा को साफ रखने का । उन्हीने जाति वाद पर भी करार प्रहार किया । संघवी ने अपने दादा गुरु का समरण सुनाया। उन्हीने शिवराज सरकार की भी तारीफ की और कहा कि शिवराज ने सभी का साथ सभी का विकास को बनाये रखा उन्होंने मानव की सचची सेवा की है ।
डॉ चन्द्रप्रकास द्विवेदी चाणक्य सिरिल बनाने वाले ने कहा कि दारसिको के समय भी सावन्द हुआ था दारसिको ने 52 उपनिष्दों का अनुवाद किया था। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में उपनिष्दों को भी पाठय जाना चाहिए। उन्हीने शिवराज सिंह अब इसे पाठ्यक्रम ने जोड़ रहे है वह बधाई के पात्र है । उन्हीने कहा कि ज्ञान के उपकरण आप के मोबाईल पर आ गए है। हमें नए प्रसार माध्यमो को खोजना होगा जो हमें संस्कर्ति से जोड़े।
तेजुमायानंद जी महारज ने कहा षंकराचार्य ने अपना पूरा जीवन लोक हित में समर्पित कर किया। शिक्षक के मन में शिक्षा का भाव हो और शासकों के मन में भाव हो तो ही परिवर्तन आता है । उन्होंने भी मुख्यमंत्री की नर्मदा सेवा यात्रा की तारीफ की । उपनिषद को पाठ्यक्रम में जोड़ने को उन्हीने शिवराज का एक सार्थक कदम बताते हुए कहा कि चिन्मय मिशन भी उनका इस कार्य में मदद करेगा ।
संस्कर भाषा को पूरी दुनिया में प्रचारित करने वाले प्यष्पानी शास्त्री कहा कि अदिशंकरचर का स्थान सब से उच्च स्थान होता है। ऋग्वेद को उन्हीने प्रचीन ग्रन्थ बताते हुए कहा कि ऋग्वेद में भी नमर्दा का उल्लेख मिलता है। उन्हीने कहा कि नर्मदा प्रकिमा मार्ग को भी सूर्य ऊर्जा से प्रकाशित करना चाहिए।
आरएसएस के सह कार्यवाहक सुरेश जोशी ने कहा कि शंकरचार्य सनातनधर्म के एकात्मता के प्रोध रहे है । उन्होंने भारत के चारो कोनो पर चार पीठ की स्थापना की है । समाज जो बटा था उस समय शंकराचार्य ने सभी को एक करने का काम किया । शंकराचार्य जी के लिखे शल्कों में मिलता है सब कुछ जान लो या पढ़ लो पर तत्व को न जाना तो जीवन का कोई औचित्य नहीं है । अद्वेत ही मूल है । उन्होंने कहा कि हम सब जानते है क्या अच्छा है क्या बुरा है पर फिर भी हम बुराई को छोड़ते नहीं । हम आज अनेक जातियों में अनेक वगो में बाटे हुए है ऐसे में अद्वेत का मूल्य नहीं रह जाता । उन्हीने कहा कि आज आतंकवाद चारो तरफ है क्यों की सभी को अपना भगवन ठीक लगता है इस के कारण ही हम अद्वेत से दूर हुए है।
जगतगुरु अवधेशानंद महाराज ने कहा कि अद्वेद दर्शन की बात ही रही है । अद्वद में ही जातिय मान्यताओं पर प्रहार होता है । उन्होंने आतंकवाद पर बोलते हुए उन्हीने कहा कि मेरा स्वामी श्रेष्ठ है से ही आतंक को बल मिला है । उन्होंने कहा की हमें अपने आप से पूछे की कौन हूँ मै तो जवाब मिलेगा के ये मै ही हूँ। भारत के अद्वेद दर्शन कोपा कर ही पश्चिम दांग है
शिवराज की तुलना विक्रमादित्य से की
उन्होंने शिवराज की तुलना विक्रमादित्य से करते हुए कहा कि निर्भया होकर जिसने संतो की सेवा की । उन्होंने कहा कि सिंहस्थ जैसा कुम्भ जैसे कुम्भ जीवन में कभी नहीं देखा । उन्होंने कहा कि उत्तर में नादिया हिम के पिघलने से बनती है पर नर्मदा पेड़ो की जड़ो की बनती है । उन्होंने कहा कि षंकराचार्य की जो प्रतिमा ओंकारेष्वर में जो बनने वाली है उसके लिए धातु मध्यप्रदेश के प्रत्येक घरों से धातु ली जा कर उनकी प्रतिमा बनाई जाए। उन्हीने कहा कि नार्मफ सेवा यात्रा अब एक बड़ा आंदोलन बन गया है । और सभी संत समाज शिवराज के साथ है । उन्हीने शिवराज के प्रयासों पर कहा कि वे भारत के भाग्य के विकास फाटक खुलेंगे । उन्हीने संत समाज की और से रुद्राक्ष की एक माला शिवराज को पहनाई ।
बता दें कि नर्मदा सेवा यात्रा में आज आदि शंकरचार्य का स्मरण प्रसंग का आयोजन किया गया ।
रिपोर्ट- @निशात सिद्दीकी