नीमच : एक परिवार ने महिला के शव को नीमच के प्रमुख चौराहे कमल चौक पर 3 घंटे तक रख का न्याय की गुहार लगाई , तब कहीं जाकर जिला प्रशासन की नींद खुली और मामले में निष्पक्ष जांच, सहायता राशि और जिला चिकित्सालय के लापरवाह डॉक्टर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया ।संभवतः वर्तमान जिला प्रशासन की ओर से पहली बार नीमच जिला चिकित्सालय प्रशासन के प्रति सख्ती बरती गई है और इसके लिए मृतक सावित्रीबाई की देहा को 3 घंटे तक चौराहे पर न्याय का इंतजार करना पड़ा ।
मामला बीती 11 फरवरी का है जब जमुनिया कला निवासी लक्ष्मीनारायण तेली की धर्मपत्नी सावित्रीबाई तेली के पेट में अचानक दर्द उठा और महिला को स्थानीय जिला चिकित्सालय की डॉक्टर शक्ति बाला शर्मा के घर ले जाया गया जहां पर परामर्श शुल्क के रुप में 2000 लेने के बाद डॉक्टर ने महिला का जिला चिकित्सालय में ऑपरेशन करने और उसके बाद महिला की बीमारी में सुधार होने का दावा करते हुए शाम को ऑपरेशन करने के लिए कहा गया ।
परिजनों के अनुसार शाम को जब डॉक्टर शक्तिबाल शर्मा ने ओपीडी में ऑपरेशन शुरू किया चीरा लगाने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर वापस ऑपरेशन कक्ष से बाहर निकली और परिजनों को बताया कि महिला सावित्रीबाई की आंतें चिपकी हुई है जिसके चलते तबियत बिगड़ रही है इन्हें आप उदयपुर ले जाइए इस मामले में परिजनों का तो यह भी कहना है कि डाक्टर शक्ति बाला शर्मा ने महिला की गंभीर स्थिति के चलते अतिरिक्त रुपए की मांग की थी जिसे देने में परिवारजन असक्षम थे मामले में काफी हंगामा मचा और उस दिन भी जिला चिकित्सालय संघर्ष समिति के तरुण बाहेती और संदीप राठौर सहित क्षेत्रीय समाजसेवियों ने मामले को संभाला और महिला को उदयपुर रैफर करवाया लेकिन यहां पर इलाज बिगड़ने के कारण महिला की तबीयत में उदयपुर में भी सुधार नहीं हुआ और आज अलसुबह महिला की उदयपुर में मृत्यु हो गई , जिसकी जानकारी जब ग्रामीण क्षेत्र वासियों को लगी तो उनमें काफी आक्रोश आ गया महिला का पार्थिव शरीर दोपहर लगभग 1:00 बजे नीमच लाया गया जहां पर आक्रोशित जनों ने तय किया कि अब की बार इस लापरवाही के खिलाफ सख्त आंदोलन किया जाएगा और मृतक का शरीर स्थानीय कमल चौक पर रखकर लगभग 3 घंटे तक आक्रोश प्रदर्शन चलता रहा इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से अनुविभागीय अधिकारी आदित्य शर्मा और पुलिस प्रशासन की ओर से नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान तीन बार मिलने आए लेकिन परिजनों और जिला चिकित्सालय संघर्ष समिति की अगुवाई कर रहे तरुण बाहेती, संदीप राठौर, भगत वर्मा, शुभम शर्मा, दीपेश शर्मा और निर्मल राठौड़ की मांग थी कि महिला के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिलवाया जाए, साथ ही चिकित्सक के खिलाफ न्यायिक प्रकरण दर्ज किया जाए और मामले की मेडिकल जांच नीमच जिले के बाहर उच्च अधिकारी स्तर पर की जाए ।
लेकिन उच्चाधिकारियों के आदेश को मानते हुए मौके पर मौजूद दोनों अधिकारी कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं दे सके और परिवारजनों का आक्रोश 3 घंटे तक चलता रहा शाम लगभग 4:30 बजे जिला प्रशासन की नींद खुली और जिला चिकित्सालय की महिला चिकित्सक डॉक्टर शक्ति बाला शर्मा पर धारा 304 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया गया । मृतक के परिजनों को सहायता राशि के रूप में 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का प्रस्ताव शासन को भेजने का आश्वासन दिया गया साथ ही तात्कालिक रुप से परिवारजनों को 10 हजार की आर्थिक सहायता दी गई व तीन सदस्य मेडिकल टीम द्वारा महिला का पोस्टमार्टम वीडियो ग्राफी के साथ करवाया गया और डॉक्टर शक्ति बाला शर्मा द्वारा की गई लापरवाही की जांच इंदौर मेडिकल कॉलेज के शक्षम अधिकारियों द्वारा किए जाने का भी आश्वासन दिया जिला प्रशासन की ओर से दिया गया तब कहीं जाकर परिजनों और उनके समर्थकों का आक्रोश शांत हुआ ।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है न्याय पाने की वास्तविक प्रक्रिया के लिए प्रारंभिक लड़ाई लड़ने के लिए मृतक सावित्री भाई को 3 घंटे तक शहर के मुख्य चौराहे पर प्राण त्याग ने के बाद भी रहना पड़ा ।
रिपोर्ट @प्रमोद जैन