डेस्क रिपोर्ट- मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह प्रदेश में शिक्षा की गुणवक्ता को सुधारने के लिए अभिनव प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा को बेहतर बनाने और पूरे प्रदेश में क्या कुछ पढ़ाया जा रहा है, उसके लिए मंत्री शाह ख़ुद पहली से बाहरवीं तक की पढ़ाई कर रहे है। इतना ही नहीं शासन द्वारा दी जाने वाली पुस्तकों को अधिक समय तक चलाने और उसे ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए भी नीतियों का निर्माण किया जा रहा हैं। साथ ही पढ़ाई के लिए आधुनिक तरीकों को अपनाने के लिए सेटेलाइट टीवी के माध्यम से भी अब छात्रों को पढ़ाया जायगा।
पहली से बारहवीं तक पढ़ेंगे स्कूल शिक्षा मंत्री
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ कुँवर विजय शाह ने अपने ऑफिस में पहली से लेकर बारहवीं तक की किताबों का सेट रखा। है एक समाचार संस्थान से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह हर महीने एक कक्षा की पढ़ाई करते हैं। ताकि उन्हें यह पता चल सके कि प्रदेश की स्कूलों को क्या पढ़ाया जा हैं। उन्होंने कहा कि उनके ऑफिस में मौजूद किताबें किसी को देने के लिए नहीं रखी गई हैं बल्कि वह स्वयं उन किताबों को पढ़ते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में क्या कुछ सुधार करना हैं या छात्रों के हित में क्या बेहतर रहेगा इस के लिए विभाग से मिल कर योजना बनाते है।
किताबो पर चढ़ेगी जिल्द, मिलेगा फर्नीचर का पैसा
मंत्री शाह ने स्कूलों में किताबों पर खर्च होने वाले बजट और स्कूलों में फर्नीचर की कमी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लगभग एक लाख अट्ठारह हजार स्कूलों में फर्नीचर की कमी हैं। फर्नीचर के लिए मुश्किल से दस या बीस करोड़ रुपया मिलता हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा मंत्री का विभाग मिलने के बाद समीक्षा की गई। हम तीन सौ करोड़ रूपये की किताबें हर साल देते हैं। अगर हम इन किताबों को दो साल तक चला लें तो फर्नीचर अतिरिक्त फंड की व्यवस्था की जा सकती हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने उसके लिए उपाय बताते हुए कहा कि किताबों पर जिल्द चढ़ा दिया जाए तो किताबें दो साल तक चलाई जा सकती है। इसके लिए का विभाग को कम खर्च में किताबों पर जिल्द चढाने की योजना बना रहा हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसलिए किया जा रहा हैं क्योंकि स्कूलों में परीक्षा के बाद किताबें या तो फट जाती हैं या रद्दी में बेच दी जाती हैं। जिससे शासन के पैसे का नुकसान होता हैं। उन्होंने कहा पहले पुस्तकों पर जिल्द चढ़ा कर उन्हें दो से तीन साल तक चलाया जाता था। उन्होंने अपना ही उदाहरण देते हुए कहा कि हम भी इसी तरह किताबो पर जिल्द चढ़ा कर पढ़ते थे। इसलिए इनका अधिक उपयोग के शासन का पैसा भी बचाया जा सकता हैं साथ ही स्कूलों में फर्नीचर की भी व्यवस्था की जा सकती हैं।
सेटेलाइट टीवी के माध्यम से होगी पढ़ाई
वर्चुवल क्लास के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ कॅरियर और छात्रों को तकनीक से जोड़ने के लिए ओपन स्कूल और वर्चुवल क्लास को टीवी के माध्यम से शिक्षा का नया माध्यम लाने की योजना पर कार्ययोजना बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों ही डिजिटलाइजेशन पर ज़ोर दे रहे हैं। छात्रों को मोबाईल और लेपटॉप दे रहे हैं। इसमें हम भी छात्रों को कुछ नया देना चाहते है। उन छात्रों को भी इसके माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जायगा जो स्कूल नहीं जा पाते हैं। उन्हें भी सेटेलाइट टीवी के माध्यम से पढाने की योजना बनाई जा रही हैं। ताकि वह घर बैठे पढाई कर सके।
@निशात सिद्दीकी