नई दिल्ली / लखनऊ : हमारी जानकारी के मुताबिक यूपी का अगला सीएम युवा और संगठन का सक्रीय चेहरा ही होगा जिसमे सिद्धार्थ नाथ सिंह (लाल बहादुर शास्त्री के नाती) इलाहबाद से विधायक और महेंद्र सिंह (MLC, असम प्रभारी) का नाम सबसे आगे है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी के मुख्यमंत्री चुनने के लिए वेंकैया नायडू और भूपेंद्र यादव को अधिकृत किया है। यहाँ के विधायकों से इस संबंध मे बातचीत करेंगे। इसके अतिरिक्त यहा की संगठन और कार्यकर्ताओं की भी राय भी जानेंगे। आर एस एस के सदस्यों से भी सीएम पद के उम्मीदवार के संबंध मे राय लेंगे। इसके बाद यह रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सौपेंगे। उस रिपोर्ट के आधार पर पीएम मोदी से चर्चा करके मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर उठ रहे सवालों को ‘फालतू और अनावश्यक’ बताया। यह जवाब राजनाथ सिंह ने संसद के बाहर तब दिया जब उनसे पूछा गया कि यूपी में सीएम पद की दावेदारी में उनका नाम काफी आ रहा है। बता दें कि 65 साल के सिंह यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वह यूपी में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में यूपी में बीजेपी ने ऐतिसाहिक सफलता अर्जित की है जिसके बाद राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं।
गुरुवार को पार्टी के चुने गए 325 विधायक (जिनमें गठबंधन पार्टियां भी शामिल हैं) अपने नए नेता को लेकर एक बैठक करने जा रहे हैं। बीजेपी ने कहा है कि पार्टी प्रमुख अमित शाह का फैसला अंतिम होगा।
सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे ये चेहरे –
केशव प्रसाद मौर्य जिन्हें चुनाव से पहले यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था. बीजेपी की जीत में अत्यंत पिछड़ी जाति (MBC) का अहम रोल रहा है। बीजेपी का मानना है कि मौर्य को अध्यक्ष बनाए जाने के बाद राज्य में पार्टी की हालत बेहतर हुई है। MBC वह समूह है जिनके साथ ऊंची जाति का सबसे कम मतभेद रहा है।
मनोज सिन्हा, राज्य मंत्री (रेलवे और टेलिकॉम) जो कि बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से एमटेक हैं। उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में जनता से जुड़ने के लिए जाना जाता रहा है. वह भूमिहार ब्राह्मण जाति से हैं और अच्छे प्रशासक बताए जाते हैं।
लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा जो कि एक ब्राह्मण नेता हैं। उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के नज़दीक बताया जाता है और मनोज सिन्हा की तरह लखनऊ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे शर्मा की शैक्षणिक योग्यता काफी महत्व रखती है। उनके परिवार के आरएसएस से पुराने संबंध रहे हैं।
सिद्धार्थ नाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं. वह कायस्थ जाति से हैं जिसे यूपी के सामाजिक ढांचे में तटस्थ माना जाता है। साथ ही वह विधायक हैं न कि मनोज सिन्हा या केशव मौर्य की तरह सांसद। उन्हें पश्चिम बंगाल में बीजेपी को संभालने का श्रेय जाता है जहां पिछले चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन में सुधार आया है।
@शाश्वत तिवारी/ इनपुट एजेंसीयों से भी