अजमेर बम ब्लास्ट मामले में सोमवार को आरएसएस के इंद्रेश कुमार व साध्वी प्रज्ञा सिंह को लेकर एनआईए की विशेष अदालत में अंतिम रिपोर्ट (क्लोजर रिपोर्ट) पेश कर दी गई। रिपोर्ट पर अदालत 17 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। अदालत यदि एनआईए की इस रिपोर्ट को मान लेती है, तो इंद्रेश व साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट मिल सकती है।
जिसमें सबूतों के अभाव में आरआरएस नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को क्लीन चिट दी गई है। बता दें कि इसी मामले में अदालत ने पिछले महीने स्वामी असीमानंद को बरी कर दिया था और भावेश पटेल व देवेंद्र गुप्ता उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
इधर, मामले के फरार अभियुक्तों को लेकर अदालत ने केरल के मुख्य सचिव व इंदौर कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।
अदालत ने इस मामले की पहले हुई सुनवाइयों में फरार चल रहे संदीप, सुरेश व राम चंद्र के केरल व इंदौर निवासी होने के कारण केरल और इंदौर से संबंधितों का विवरण मांगा था। ये विवरण न तो केरल से आया और न ही इंदौर से। अदालत ने सोमवार को सुनवाई में नोटिस जारी कर प्रगति रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।
पूर्व में एनआईए ने रिपोर्ट पेश करने को लेकर कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई थी। इस कारण अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट वापस पेश करने के लिए कहा था। अब एनआई ने सोमवार को इंद्रेश, प्रज्ञा सहित चार जनों को लेकर क्लोजर रिपोर्ट पेश की।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को एनआईए ने जयपुर की विशेष एनआईए कोर्ट से इंद्रेश, साध्वी प्रज्ञा व अन्य दो व्यक्तियों के सबंध में फाइनल रिपोर्ट पेश करने के लिए ओर समय की मांग की थी। जिसके बाद एनआईए को कोर्ट ने तीन अप्रेल तक का समय दिया था।
पूर्व में अदालत ने एनआईए के डीजीपी को आदेश दिए थे कि वह आरोपी इन्द्रेश कुमार, प्रज्ञा सिंह सहित, रमेश गोहिल, अमित, समन्दर और जयंति भाई के संबंध में अंतिम परिणाम की रिपोर्ट पेश करे।
अजमेर बम ब्लास्ट मामले में आरोप था कि कि इन्द्रेश कुमार ने जयपुर स्थित गुजराती समाज के गेस्ट हाउस में 31 अक्टूबर 2005 को हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। आरोप के तहत बैठक में तय किया कि हिंदू धर्मस्थलों पर हमले हुए, तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी। @टीम डिजिटल