अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया में किए गए रासायनिक हथियारों के प्रयोग के बाद वहां असद सरकार के ठिकाने पर 50 से ज्यादा टॉमहॉक मिसाइलें दागी। इसके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि युद्ध अब एक इंच की दूरी पर है। कहा जा रहा है कि दुनिया में तीन सनकी, डोनाल्ड ट्रंप, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जॉन्ग उन और आतंकी संगठन आईएस के कारण दुनिया पर विश्व युद्ध का खतरा बढ़ता जा रहा है।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनते ही दुनिया में यूं बढ़ा तनाव
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से सवाल उठ रहे थे कि वे दुश्मन देशों के साथ कैसे डील करेंगे? विशेषज्ञों के मुताबिक, आज हालात बिगड़ चुके हैं। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी खुलकर ट्रंप के खिलाफ आ गए हैं। ट्रंप का भी कहना है कि अमेरिका-रूस के रिश्ते बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं। वहीं, उत्तर कोरिया के मोर्चे पर भी अमेरिकी तल्खी दुनिया को भारी पड़ सकती है।
वैसे राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने चुनावी सभाओं में गैर-अमेरिकी मुस्लिमों की अमेरिका में आने से प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। बीते दिनों उन्होंने प्रवासियों व शरणार्थियों के प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने ईरान, इराक, सीरिया, यमन, सोमालिया, सूडान और लीबिया के नागरिकों के अमेरिका आने पर रोक लगा दी है। सीरिया और आईएस को लेकर भी अमेरिका का रुख सख्त है।
बगैर सोचे-विचारे कुछ भी कर सकता है किम जॉन्ग उन
उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जॉन्ग उन ने दक्षिण कोरिया को धमकी दी है कि वह उसे बर्बाद कर देगा। वह जनवरी 2017 में हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण कर पूरी दुनिया को चौंका चुका है। उन का कहना है कि उसकी मिसाइल अमेरिका तक मार करने में सक्षम हैं। दक्षिण कोरिया को जहां अमेरिका का समर्थन हासिल है, वहीं उत्तर कोरिया को चीन का समर्थन मिला है। कोरियाई प्रायदीप में शक्ति संतुलन के लिए चीन उत्तर कोरिया के साथ खड़ा दिखता है।
खूंखार तानाशाह उन अपने रिश्तेदारों और सैन्य अधिकारियों को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतारने के लिए भी जाना जाता है। उसने अपने फूफा को भूखे कुत्तों के सामने डलवा दिया था। जबकि एक सैन्य अधिकारी को तोप के आगे बांधकर उड़ा दिया था। अगस्त 2016 में उप प्रधानमंत्री को गोली से उड़ा दिया गया क्योंकि वह एक बैठक के दौरान सो रहे थे। कृषि मंत्री हवांग मिन और शिक्षा के विभाग के वरिष्ठ अधिकारी री योंग-जिन को हाल ही में तोप से उड़ा दिया गया था।
इस्लामिक स्टेट बना हुआ है सबसे खतरनाक
इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को जब अमेरिका ने खत्म कर दिया, तो वहां राजनीतिक खालीपन को भरने के लिए अबु बकर अल बगदादी के नेतृत्व में कट्टरवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ सीरिया एंड लेवेंट का उदय हो गया। यह संगठन पूरी दुनिया को इस्लामिक राष्ट्र में बदलना चाहती है। सीरिया में इसका सीधा दखल हो चुका है। कई पश्चिमी देशों जैसे जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत में आईएस के हमदर्द हैं। अपनी कट्टरता के लिए कुख्यात आईएस का सनकीपन पूरी दुनिया के लिए खतरनाक साबित होगा।
साल 2013 में ईराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने घोषणा की कि वह सीरिया में अल-कायदा के फ्रैंचाइजी नुसरा फ्रंट के साथ अपने संगठन को एकजुट करेगा। आईएस का नेतृत्व प्रभावशाली सुन्नी मुस्लिम अबु बकर अल-बगदादी कर रहा था, जो सीरियाई राष्ट्रपति बसर अल-असद को उखाड़ने के लिए लड़ने वाले सबसे शक्तिशाली समूहों में से एक बन गया था। गौरतलब है कि साल 2011 में संघर्ष उस वक्त शुरू हुआ सरकार में व्यापक सुधारों की मांग को लेकर जब बड़े पैमाने पर राजधानी और अन्य बड़े शहरों में विरोध शुरू हुआ। असद को पुतिन का समर्थन हासिल है।