रजनीकांत का फिल्मों में अपना रसूख है। इसी के चलते दक्षिण भारत के साथ-साथ उत्तर भारत में उनका बहुत सम्मान किया जाता है। अब उन्हें राजनीति में लाने की बात चल रही है। इस पर सब अपने-अपने विचार दे रहे हैं। आगरा पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी उनके बारे में कुछ ऐसा बोल गए जो रजनीकांत के फैन्स को अच्छा नहीं लगेगा।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि आज राजनीति के साथ ही पत्रकारिता में भी प्रवेश की कोई अर्हता तय नहीं है। उन्होंने कहा कि अनपढ़ रजनीकांत को ही सब राजनीति में लाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके अलावा स्वामी ने जेएनयू का नाम बदलने की भी बात की।
वर्ष 2018 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। तब तक कोर्ट का फैसला भी आ जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट में हमारा पक्ष मजबूत है। जुलाई में हम इसे लेकर फिर सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। यह कहना है राज्यसभा सांसद व अधिवक्ता डा. सुब्रमण्यम स्वामी का। स्वामी आरएसएस के विश्व संवाद केंद्र द्वारा पचकुइयां स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित नारद जयंती समारोह में भाग लेने आए थे।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में 40 हजार मंदिर तोड़े गए थे। इनमें से तीन तो हर हाल में हमें वापस चाहिए। इनमें अयोध्या, मथुरा और काशी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमने ओवैशी को इस मामले में कृष्ण फार्मूला दिया है। कहा कि जिस तरह कृष्ण ने पांडवों के लिए दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे ठीक वैसे ही तीन मंदिर मांगे हैं। कहा कि या तो तीन मंदिर दे दो नहीं तो फिर पूरे 40 हजार मांगेंगे।
स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिए हैं कि वो पता लगाए कि मस्जिद के नीचे मंदिर था या नहीं। विशेषज्ञों ने भी इसे स्वीकारा है। उन्होंने नरसिंहाराव सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि तब केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दिया था कि मस्जिद के नीचे मंदिर निकला तो जमीन हिंदुओं को दे देंगे। डा. स्वामी ने कहा कि राम मंदिर के दूसरे पक्षकार कहीं भी मस्जिद की बात नहीं कहते। सिर्फ यह कहते हैं कि 500 साल से जमीन पर हमारा कब्जा है। स्वामी ने उन्हें सलाह दी कि अयोध्या में सरयूपार काफी जगह पड़ी है। वहां मस्जिद बना लें। हम लोग भी सहयोग करेंगे।
2019 तक खत्म होनी चाहिए धारा-370
डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 2019 तक धारा-370 खत्म होनी चाहिए। उन्होंने यह कहते हुए केंद्र पर दबाव बढ़ाया कि सरकारों का संसद में पूर्ण बहुमत में न होने का तर्क बेमानी है। राष्ट्रपति द्वारा महज इसे एक आदेश जारी करके खत्म किया जा सकता है। कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में जवाहर लाल नेहरू का कोई योगदान नहीं था, सिवाय धारा-370 के। डा. स्वामी ने कहा धारा-370 की व्यवस्था टेंपरेरी तौर पर की गई थी जिसका उल्लेख संविधान में साफ तौर से है।
नेहरू-गांधी परिवार पर बरसे
डा. स्वामी ने करीब एक घंटे के भाषण मेें नेहरू-गांधी परिवार पर जमकर हमला बोला। कहा कि नेहरू कैंब्रिज में फेल हुए थे। बोले वैसे तो पूरा परिवार ही फेल होता आ रहा है। सोनियां गांधी की डिग्री से लेकर राहुल-प्रियंका की शिक्षा को लेकर भी कटाक्ष किए। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनियां गांधी की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी का प्रकरण भी उन्होंने विस्तार से बताया। बोले अब चिदंबरम की बारी है। आने वाले दिनों में कांग्रेस की कार्यसमिति तिहाड़ जेल मेें होने का तंज उन्होंने कसा।
जेएनयू का नाम बदलकर सुभाषचंद बोस यूनिवर्सिटी हो
स्वामी बोले अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जेएनयू में कश्मीर की स्वतंत्रता के नारे लगते हैं। शायद उन्हें नहीं पता कि संविधान में हर आजादी किसी न किसी प्रतिबंध के साथ दी गई है। कहा कि नेहरू के नाम वाली यूनिवर्सिटी वाले जब संविधान नहीं पढ़ रहे तो इसका नाम बदलकर सुभाषचंद यूनिवर्सिटी हो जाना चाहिए।
खत्म हो ट्रिपल तलाक
ट्रिपल तलाक की व्यवस्था को खत्म किए जाने की कवायद उन्होंने की। कहा कि संविधान की नजर में सब समान हैं। महिलाओं को उनका सम्मान मिलना चाहिए।
@एजेंसी