दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री निवास पर कुछ ज्यादा ही शांति थी । बन्द कमरे में मोदी और अमित शाह थे । मोदी अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए एक टक छत की ओर देखे जा रहे थे । शाह की आंखों में रोज़ की तरह चमक न थी बल्कि चिंता थी । सन्नाटे को तोड़ा आखिरकार अमित शाह ने …..
कहा था न हल्के में न लो लेकिन आपको तो किसी के न सुनने की बीमारी सी है । लगभग चिड़चिढाते हुए अंदाज में शाह बोले ।
पूरी ताकत लगाकर मोदी ने जुबान हिलाई और बुदबुदाते हुए बोले तो मुझे लगा ही नही कि वो ऐडा बन कर पेड़ा खा रहा है और फिर तुमने भी तो कहा था कि “मामू” ही है वो तो ।
“पहले मुझे भी लगा था कि वह “मामू” है लेकिन उमा के बाद जब कैलाश के अरमान ठंडे किए तब मुझे अहसास हो गया था कि चेला आडवाणी का है लेकिन गुरु से एक कदम आगे है” शाह ने मोदी को घूरते हुए कहा ।
आप बस ताली पिटवाते रहो, विदेश घूमो,मित्रो मित्रो करो और इधर “मामू” ने उमा,राघवजी,कैलाश विजयवर्गीय,प्रभात झा,कमल पटेल,अजय विश्नोई,अनूप मिश्रा,लक्ष्मीकांत शर्मा,बाबूलाल गौर,सरताज सिंह और लो अब नरोत्तम मिश्रा का भी फट्टा साफ कर दिया”
मोदी और असहज हो गए । सफेद दाढ़ी पर हाथ फिराते हुए खरखराती आवाज में बड़बड़ाए तो उन सबके अरमान तो सीएम के थे इसलिए “मामू” के निशाने पर आ गए लेकिन मैं थोड़ी अब सीएम बनूँगा तो मुझे क्यों डरा रहे हो ।
मोदी की इस बात पर शाह खीज से गए । अरे सीएम तो नही बनना लेकिन आपने ने भी उसके कम मज़े नही लिए और फिर वह अपने गुरु आडवाणी का बदला भी तो ले सकता है ।
मोदी के कठोर चेहरे पर दयनीयता के भाव आ गए । सूख चुके होंठ पर जुबान फिराते हुए मोदी ने कुछ बोलना चाहा लेकिन जुबान ने साथ नही दिया । बस जुबान से सिर्फ़ इतना ही निकल पाया “तो अब”
तो अब क्या अपनी शीशे जैसी चमकती चांद पर हाथ फेरते हुए शाह ने बुरा सा मुँह बनाया ।
कामाख्या वाले पंडित से बात की है । कल से अनुष्ठान करेगा । अपनी पत्नी को भी बोला है कि “मामी” को शीशे में उतारो । खास प्रमुख सचिव है प्रदेश के उनसे मिलने का समय भी लिया है”।
बाकी हरि इच्छा……
कमरे में सन्नाटा फिर से छा गया । मोदी सामने रखी शिव प्रतिमा के आगे हाथ जोड़े खड़े थे और शाह अपने महंगे मोबाईल पर “मामा” के करीबियों के नम्बर तलाशने में जुट गए ।
नोट – पोस्ट के सभी पात्र काल्पनिक है और इसका किसी भी जीवित व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नही है
ये व्यंग Ashish Chaubey जी की फेसबुक वॉल से लिया गया हैं।