देशभर में कथित तौर पर गाय के नाम पर भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के खिलाफ शुक्रवार (21 जुलाई, 2017) को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार हलफनामा दाखिल कर बताए की उन्होंने देश में इन हत्याओं को रोकने के लिए क्या किया है?
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें स्वयंभू गोरक्षकों को किसी भी तरह का संरक्षण ना दें। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति एम शांतानागौदर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की। जिसपर सॉलिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य के अधीन है और केंद्र सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है, लेकिन केंद्र का मानना है कि कानून की प्रक्रिया के अनुसार देश में किसी भी स्वंयभू गोरक्षक समूह का कोई स्थान नहीं है। बता दें कि अपनी याचिका में तहसीन पूनावाला ने कहा है कि इन गोरक्षक समूहों द्वारा की जाने वाली कथित हिंसा किस हद तक बढ़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इन लोगों के बारे में कहा था कि वे समाज को नष्ट कर रहे हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में भीड़ द्वारा की जा रही हत्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने को लेकर तहसीन पूनावाला सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर संसद के बाहर बैठ गए। इस दौरान वहां मौजूद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से बदसलूकी की और पूनावाला से कहा कि आप यहां काली पट्टी बांधकर नहीं बैठ सकते। जिसपर पूनावाला ने महात्मा गांधी का हवाला दिया तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि महात्मा गांधी अब बहुत दूर चले गए हैं। पुलिस अधिकारी के इस बयान का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए विरोध जताया।
जिस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरदस्ती वहां से उठाकर पुलिस थाने लेकर जाने लगे। जब पुलिस अधिकारी पूछा की आप किस कानून के तहत हमें यहां से लेकर जा रहे हैं। इस पर अधिकारी ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि यहां हर चीज कानून के तहत नहीं होती है। जिसके बाद पूनावाला सहित सभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस थाने लेकर गई। हालांकि वहां से उन्हें तत्काल छोड़ दिया गया। वहीं मीडिया से बात करते हुए तहसीन पूनावाला ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने हम लोगों के साथ दुर्व्यवहार तो किया ही साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भी अपमानित किया है जोकि भारत जैसे लोकतंत्र देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस मामले को हम जोर-शोर से उठाएंगे।