नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव से साथ आने की अपील की है। लालू ने तीन ट्वीट कर शरद यादव को साथ मिलकर भाजपा से लड़ने की अपील की है। लालू ने ट्वीट किया है, ‘गरीब, वंचित और उपेक्षित जमात के हकूक की खातिर हम वैचारिक रूप से साथ सभी सहयोगियों को लेकर खेत-खलिहान से लेकर सड़क व संसद तक संघर्ष करेंगे।’
अगले ट्वीट में लालू ने लिखा है, ‘हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है। आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है. शोषित और उत्पीडित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।’ इसके साथ लालू ने ट्वीट किया है, ‘गरीब, वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिये हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करे।’
लेकिन, गुजरे जमाने की बात है जब लालू और शरद यादव राजनीतिक प्रतिद्वन्दी हुआ करते थे। लोकसभा चुनाव में दोनों नेता कई बार एक-दूसरे के आमने-सामने आए हैं। 2004 में लालू यादव मधेपुरा लोकसभा सीट से शरद यादव को शिकस्त दे चुके हैं। जबकि 1999 में लालू यादव को शरद यादव से इसी सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा था। आज राजनीतिक मजबूरियों की वजह से लालू यादव को शरद यादव के साथी नीतीश कुमार को टक्कर देने के लिए उनके साथ की जरूरत पड़ गई है।
लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या शरद यादव, यादवों के सबसे बड़े नेता की पुकार सुनेंगे? क्या शरद यादव दिल्ली में रहना पसंद करेंगे या फिर फिर से संघर्ष पथ पर उतरेंगे?
खबर है कि नीतीश के फैसले पर सवाल खड़ा करने वाले शरद यादव को मनाने के लिए उन्हें केन्द्र में मंत्री पद दिया जा रहा है। शुक्रवार को भी संसद में शरद यादव चुप्पी साधे बैठे रहे। ऐसे में देश को उनके आगे के कदम का इंतजार है। बता दें कि भाजपा जब नीतीश कुमार के साथ बिहार की सरकार में शामिल हुई तो शरद यादव और पार्टी नेता अली अनवर ने उनके इस फैसले पर खड़ा कर दिया। शरद यादव को जदयू से नाराज देखकर लालू यादव उनके सामने सियासी चारा फेंक रहे हैं।