मीडिया में महिलाओं और बच्चियों के यौन शोषण और बलात्कार की खबरें और चर्चा अक्सर होती है। इन सामाजिक बुराइयों से लड़ने की कोशिशों के बीच हम एक बात भूल जाते हैं कि पुरुष और बच्चे भी यौन शोषण और रेप के शिकार होते हैं। पुरुषों के लिए अपने संग हुए ऐसे अत्याचार को बयां करना और भी कठिन होता है क्योंकि उनके मन में “पुरुष होने के बावजूद” ऐसा होने के लिए उनका मजाक उड़ाए जाने का डर और भी गहरा होता है।
पुरुषों के साथ भी रेप और यौन शोषण होता है इस पर चर्चा न होने का कारण भी पीड़ित सामने नहीं आते। इस टैबू को तोड़ने के लिए फिल्मकार इनसिया दरीवाला विशेष कैंपेन “एंड दी आइसोलेशन” चला रही हैं। मुंबई में रहने वाली इनसिया खुद भी यौन शोषण की शिकार हो चुकी हैं।
इनसिया एनडीटीवी डॉट कॉम पर प्रकाशित एक लेख में कहती हैं, “मुझसे लोग अक्सर पूछते हैं कि एक पुरुष द्वारा यौन शोषण की शिकार हुई महिला होने के बावजूद तुम पुरुषों के यौन शोषण को सामने लाने का कैंपेन कैसे चला सकती हो।”
इनसिया कहती हैं कि इस सवाल का जवाब पुरुष रेप और यौन शोषण से जुड़े आंकड़े हैं। इनसिया ने बताया है कि साल 2007 में भारत सरकार ने एक सर्वे कराया था। उस अध्ययन में पाया गया कि करीब 59.9 प्रतिशत बच्चे यौन शोषण के शिकार हुए थे। इनमें सभी उम्र, राज्यों और सामाजिक पृष्ठभूमि के बच्चे थे।
इनसिया के अनुसार यौन शोषण के शिकार ज्यादातर बच्चों का यौन शोषण पांच से 16 की उम्र के बीच हुआ। इनसिया लिखती हैं, “बच्चे अपने करीबियों को भी इस बारे में नहीं बता पाते। उन्हें डर लगता है कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे, लोग उनका यकीन नहीं करेंगे, मजाक उड़ाएंगे।” इनसिया के अनुसार उनके पति भी यौन शोषण के शिकार हो चुके हैं। इनसिया कहती हैं, “छह हजार बच्चों और कई वयस्कों से बातचीत के बाद मुझे यकीन हो गया है कि लड़कों के संग यौन शोषण की घटनाएं पिछले कुछ सालों में और तेजी से बढ़ी हैं।” इसलिए इनसिया चाहती हैं कि सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठाए।