मोबाइल विवाद में एक युवक को जान गंवानी पड़ी है। दलित युवक को बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है।
यूपी के हाथरस की यह घटना है। कोतवाली हाथरस गेट इलाके के गांव चिंतापुर बदन के रहने वाला अजय पुत्र महेंद्र सिंह ट्रक ड्राइवर था। दो भाइयों और चार बहनों में सबसे बड़े अजय परिवार में अकेला कमाने वाला था। अजय के पिता महेंद्र सिंह के मुताबिक उनके बेटे ने पास के गांव नगला अलगर्जी के रहने वाले चमन पुत्र कालीचरण से कुछ दिनों के लिए एक मोबाइल लिया था।
शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे चमन ने अजय को मोबाइल लौटाने के लिए फोन किया। इस दौरान आरोपियों ने अजय के साथ जमकर गाली-गलौज की और मोबाइल नहीं लौटाने पर जान से मारने की धमकी देने लगे। अजय अपनी और मां की दवा लेने के लिए शहर की ओर आया। चमन को मोबाइल लौटाने के लिए वह मोबाइल को भी साथ ले आया।
मंडी की टूटी चारदीवारी से अंदर आकर वह बाजार की ओर जा ही रहा था कि आरोपी चमन उसे मिल गया। इसी दौरान दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। चमन ने फोन कर अपने बड़े भाई डीएम उर्फ पवन को बुला लिया। चमन का तीसरा भाई और एक अन्य आरोपी भी मौके पर आ गए।
चारों आरोपियों ने अजय को पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने अजय के पेट में जमकर लात-घूंसे बरसाए। अजय अपना पेट पकड़कर जमीन पर गिर पड़ा। तभी गल्ले मंडी में मजदूरी करने वाले अजय के चचेरे भाई राजा की नजर उस पर पड़ गई। उसने आरोपियों को मौके से भागते हुए देख लिया।
राजा ने फोन कर अजय के परिजनों को मौके पर बुलाया। पुलिस को भी फोन किया गया, लेकिन पुलिस नहीं पहुंची। काफी देर तक अजय यूं ही मंडी में पड़ा रहा, लेकिन मदद को कोई आगे नहीं आया। परिजनों के पहुंचने पर अजय ने उन्हें आरोपियों के नाम बताए। उसने पेट में तेज दर्द होने की शिकायत की। परिजन किसी तरह अजय को लेकर दोपहर को तीन बजकर 50 मिनट पर जिला अस्पताल पहुंचे।
लेकिन यहां पहुंचते वक्त उसकी मौत हो गई। अजय की मौत से परिजन सन्न रह गए। अजय के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जा रहे अजय की मां पुलिसकर्मियों से भिड़ गईं। उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे अपने ही परिजनों पर भी उन्होंने हाथ उठा दिया। बमुश्किल परिजनों ने उन्हें काबू किया। पुलिस ने चार भाईयों के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।