कोलकाता: रेड लाइट एरिया के तौर पर बदनाम कोलकाता के सोनागाची इलाके में रह रही सेक्स वर्कर के लिए ये दुर्गा पूजा खास रहेगी। क्योंकि इस दुर्गा पूजा पर ये शेफ की जिम्मेदारी निभाती नजर आएंगी। वो भी पश्चिम बंगाल मत्स्य पालन विभाग के फूड पवेलियन पर, जो इस साल दुर्गा पूजा पर लगेंगे।
मुश्किल हालात में रह रहीं सेक्स वर्कर की जिंदगी में ये बदलाव लाने की कोशिश दरबार महिला समन्वय कमेटी नाम का एनजीओ कर रहा है। इसके लिए एनजीओ स्टेट फिशरीज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से उसकी बात चल रही है। इसके तहत कॉरपोरेशन एनजीओ से रजिस्टर्ड सेक्स वर्कर को खाना बनाने की ट्रनिंग देगा।
इस एनजीओ के पास लगभग डेढ़ लाख सेक्स वर्कर रजिस्टर्ड हैं। एसएफडीसी के एमडी सोम्यजीत दास ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान फिशरीज बोर्ड आठ कोलकाता के अलग-अलग हिस्सों में आठ फूड स्टॉल लगाता है। वहीं दो फूट स्टॉल बैंगलुरू में भी लगाए जाते हैं। ऐसे में लोगों को बंगाली खाने का स्वाद चखाने के लिए उन्हें कुक की जरूरत होती है। ऐसे में सेक्स वर्कर को ट्रेनिंग देने से उन्हें भी फायदा होगा।
इन सेक्स वर्कर को केवल खाना बनाना ही नहीं, बल्कि फिश प्रोसेसिंग की बारीकियां भी सिखाईं जाएंगी। इसमें जिंदा मछली को कैसे संभालना है, वहीं मछली से बने उत्पादों की पैकेजिंग के भी गुर सिखाए जाएंगे। एनजीओ और फिशरीज बोर्ड की इस पहल से सेक्स वर्कर भी खुश हैं और वो भी बंगाली खाना बनाने की ट्रेनिंग लेने को लेकर काफी उत्साहित हैं। क्योंकि इससे उन महिलाओं को इस दलदल से बाहर निकलने का मौका मिलेगा। खासतौर पर अपने बच्चों के लिए, जिन्हें समाज बुरी नजर से देखता है। जल्द ही तीस सेक्स वर्कर के पहले बैच की ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी।
इससे विभाग को भी फायदा होगा, क्योंकि फिशरीज बोर्ड के पास अलग-अलग फूड चेन,ग्रॉसरी शॉप्स और सुपर मार्केट की तरफ से मछलियों से बने अलग-अलग उत्पादों की काफी डिमांड आती है। ऐसे में ट्रेनिंग के जरिए सेक्स वर्कर को तो अच्छा रोजगार मिलेगा ही वहीं विभाग को भी अपना बिजनेस बढ़ाने में मदद मिलेगी।