बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन के हिंसक रूप ले लेने के बाद बीती रात से पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया है। इस मुद्दे को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। बीएचयू आ रहे कांग्रेस यूपी अध्यक्ष राजबब्बर, पी एल पुनिया और अजय राय को रास्ते में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सैकड़ों की संख्या में छात्र बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस पूरे आंदोलन को बाहरी तत्वों की साजिश बताया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईजी पुलिस से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। उधर प्रशासन ने छात्र-छात्राओं की इस आंदोलन की आग को बुझाने के लिए विश्वविद्यालय में 2 अक्टूबर तक छुट्टियां कर दी हैं। छात्र-छात्राओं से होस्टल खाली कराए जा रहे हैं। यहां तक कि उनके बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया गया है।
दरअसल शनिवार की रात कुलपति आवास के पास पहुंचे छात्र और छात्राओं पर विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कुछ विद्यार्थी घायल हो गए। तभी कैंपस में तनाव बना हुआ है। छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उन पर भी लाठीचार्ज किया है। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया। सभी विद्यार्थी संस्थान में बृहस्पतिवार को हुई कथित छेड़खानी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
सीएम ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर से बीएचयू के पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट मांगी है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने इस पूरे मामले को राजनीति से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की वजह से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस घटना में बाहरी लोग शामिल हैं। इसके साथ ही उन्होंने छात्राओं की मांग पर कहा कि वे सुरक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं।
छात्रावासों को खाली कराने का निर्देश
वहीं बीती रात छात्र-छात्राओं पर हुई लाठीचार्ज, आगजनी, तोड़फोड़ फायरिंग के बाद परिसर में खामोशी भरी शांति पसरी हुई है। हालांकि कुछ छात्राएं घरों को भी लौटने लगी हैं। बीएचयू प्रशासन ने महिला महाविद्यालय छात्रावास, बिड़ला छात्रावास, मोनादेवी, राजाराम, लालबहादुर शास्त्री, नरेन्द्र देव सहित कई छात्रावासों को खाली करने का निर्देश दिया है। इसके लिए बाकायदा प्रशासन की ओर से होस्टल में बिजली-पानी की सप्लाई रोक दी गई है, ताकि छात्राएं अपने घर चली जाएं।
BHU को दो अक्टूबर तक बंद करने का ऐलान
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि कुलपति ने हालात के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय को दो अक्तूबर तक बंद रखने का ऐलान किया है। उन्होंने घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन भी किया है। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी अराजक तत्व हैं जो छात्राओं को आगे कर संस्थान की गरिमा को धूमिल करना चाहते हैं।
सिंह ने बताया कि पुलिस प्रशासन विश्वविद्यालय में मौजूद है। हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं। उन्होंने आशंका जताई कि घटनाओं के मुद्देनजर पुलिस प्रशासन कुछ छात्रावासों को खाली भी करा सकती है।
लाठीचार्ज के विरोध में छात्रों का प्रतिरोध
शनिवार को परिसर में हिंसा और तनाव को देखते हुए 25 थानों की पुलिस बुलाई गई थी। हालात काबू में करने के लिए परिसर में घुसी पुलिस को छात्रावास के विद्यार्थियों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, हवा में गोलियां चलाईं और जवाबी पथराव भी किया।
छावनी में तब्दील हुआ बीएचयू
बताया जाता है कि इसी बीच छात्रों ने पेट्रोल बम भी फेंके। हिंसा में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सदर, दो दरोगा और एक सिपाही सहित कई छात्र घायल हो गए। रात के दो बजते-बजते पूरा विश्वविद्यालय परिसर छावनी में तब्दील हो गया।
छात्रों को काबू करने में लगी 25 थानों की पुलिस
हालात को काबू में करने के लिए 25 थानों के पुलिस बल के साथ ही रामनगर और भुल्लनपुर छावनियों से आए पीएसी के जवान और जिले के आला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं।
इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीएचयू में छात्र-छात्रों पर लाठीचार्ज को निंदनीय करार देते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार प्रदर्शन कर रही छात्राओं के ऊपर हुई लाठीचार्ज के विरोध में समाजवादी छात्रसभा समेत तमाम सामाजिक संगठनों ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया है।
वाराणसी जाकर दिल्ली लौट आए PM मोदी
जिस समय छात्राएं धरने पर बैठी थीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के लिए वाराणसी भी गए थे, लेकिन छात्राओं के आंदोलन पर उन्होंने कुछ भी कहने और मिलने से परहेज किया। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है।