गुजरात हाई कोर्ट ने वीवीपैट और ईवीएम में खराबी के मसले पर चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग के अलावा गुजरात सरकार को भी कोर्ट ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
कांग्रेस की राज्य इकाई ने याचिका में अनुरोध किया कि दोषपूर्ण पाई गई ईवीएम और वीवीपैट सील की जायें और उनका आगामी विधानसभा चुनावों में प्रयोग नहीं हो।
न्यायमूर्ति अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति ए जे कागजी की खंडपीठ ने गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी की याचिका पर चुनाव आयोग, राज्य के प्रमुख चुनाव अधिकारी, और विधि एवं न्याय मंत्रालय के जरिये केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किए। इन सभी को 13 नवंबर तक नोटिस के जवाब देने हैं।
कांग्रेस ने याचिका में ये कहा
कांग्रेस ने अपनी याचिका में कहा है कि कुल 70182 वीवीपैट मतदाता सत्यापन जांच पर्ची इकाइयों में करीब सात प्रतिशत पहले स्तर की जांच के दौरान दोषपूर्ण पाई गईं। साथ ही ईवीएम तथा नियंत्रण इकाइयां भी दोषपूर्ण थीं। कांग्रेस ने इन्हें सील करने की मांग करते हुए चुनाव में इनका इस्तेमाल न करने की मांग भी की है।
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह या तो आयोग को निर्देश दे या खुद एक विशेषज्ञ समिति गठित करे जो दोषपूर्ण मशीनों पर गौर कर सके ताकि इनसे कोई गड़बड़ी नहीं हो सके।
हार्दिक ने भी साधा था निशाना
हाल ही में हार्दिक ने भी इस संबंध में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ‘पहले लेवल टेस्ट में ही चुनाव आयोग की 3500 VVPAT मशीनें फेल हुई हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बीजेपी अब चुनाव में गोलमाल करके ही जीतेगी।’
बता दें कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। आयोग ने इस बार वीवीपैट के साथ वोटिंग कराने का फैसला लिया है।