उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के प्रथम चरण का मतदान बुधवार (22 नवंबर) को हुआ। पहले चरण के तहत उप्र के 24 जिलों में मतदान हुआ। हालांकि मेरठ के एक पोलिंग बूथ पर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में कोई भी बटन दबाने पर सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को वोट जाने पर बवाल की स्थिति बनी रही।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के अधिकारियों ने मशीन को ‘दोषपूर्ण’ बताते हुए दावा किया कि कुछ ‘गड़बड़ी’ थी। जबकि गैर-भाजपा दलों का आरोप है कि मशीनों से छेड़छाड़ की गई थी।
एक वोट रिकॉर्ड करने के बाद ईवीएम तुरंत लॉक हो जाती है ताकि वोटर दूसरा विकल्प न चुन सके। मशीन सिर्फ अगले वोटर के लिए अनलॉक की जाती है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार ने कहा कि ”हमने खराब काम कर रही मशीन को तत्काल बदल दिया।”
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें एक वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट डालने में नाकाम होने पर वापस लौटते दिख रहा है। वीडियो में वोटर, तसलीम अहमद बसपा को वोट देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। वह वीडियो में कहते हैं, ”मैंने बसपा उम्मीदवार को वोट दिया। मैंने अभी तक वही बटन दबा रखा है। मशीन ने मेरा वोट बीजेपी को जाता रिकॉर्ड किया। मैं घंटे भर से यहीं हूं मगर अभी तक कोई हल नहीं मिला है।” मामले की जानकारी होने पर बसपा समर्थक व अन्य दलों के सदस्य पोलिंग बूथ पर जमा हो गए और विरोध करने लगे।
पूर्व बसपा विधायक योगेश वर्मा ने कहा, ”जिस क्षेत्र में समस्या आई, वह अल्पसंख्यक समुदाय के प्रभुत्व वाला है और हमारी वहां अच्छी पकड़ है। यद्यपि अधिकारियों ने फौरन मशीन बदल दी, यह बेहद परेशान करने वाला है कि सभी वोट बीजेपी को जा रहे थे।”
मेरठ जोन के मंडलायुक्त प्रभात कुमार ने कहा, ”मुझे इस घटना की जानकारी मिली है कि वोट एक विशेष दल को जा रहे थे, लेकिन चुनाव आयोग ने महीनों पहले कहा था कि इन ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हो सकती। यह किसी तकनीकी खराब की वजह से हुआ होगा। मशीन बदलने के बाद शांतिपूर्ण मतदान हुआ।”