आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने कश्मीरी मुसलमानों को भड़काते हुए एक नई अपील की है। आतंकी संगठन ने इस राज्य के मुसलमानों को खलीफा के नेतृत्व में अपनी लड़ाई लड़ने को कहा है।
दुर्दांत आतंकियों के इस संगठन ने लड़ाई के रास्ते में बाधक बनने वाले भारत और पाकिस्तान के जवानों के सिर काटने की भी अपील की है।
इस संबंध में इस्लामिक स्टेट की मैगजीन रुमिया में एक लेख लिखा गया है। मूल रूप से उर्दू में छपे इस लेख को आईएस समर्थक मीडिया ग्रुप अल-करार ने कश्मीरियों के लिए अनुवादित कर टेलिग्राम पोस्ट किया है।
एक दिसंबर के इस टेलिग्राम पोस्ट में कश्मीरी मुसलमानों को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ या पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के जासूसों के हाथों बेवकूफ बनने से बचने को कहा है।
ऑनलाइन जिहादी गतिविधियों पर नजर रखने वाली अमेरिकी कंपनी SITE इंटेलिजेंस ग्रुप की वेबसाइट पर लेख को कोट करते हुए एक पोस्ट अपडेट किया गया है। इसके मुताबिक इस्लामिक स्टेट ने कहा है कि अगर वे (जासूस) मुसलमान भी हैं तो मुर्ताद (धर्मत्यागी) हैं और उन्होंने अल्लाह के धर्म का त्याग कर दिया है।
आईएस ने कहा है कि ऐसे लोग आपपर हमला करें इससे पहले उनका सिर कुचल दो।
लेख में कश्मीरियों को लोकतंत्र अस्वीकार करने और आईएस नेता अबु बकर अल-बगदादी के प्रति वफादार बनने को कहा गया है। कश्मीरियों को भड़काते हुए लिखा गया है कि 1947 में बंटवारे के बाद से ही भारत और पाकिस्तान, दोनों ने ही उन्हें लगातार धोखा दिया है।
लेख में लिखा गया है कि हिंदुस्तानी, पाकिस्तानी, अरब और गैर अरब आततायियों और उनकी सेनाओं को न छोड़ें।