संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के 19 नवंबर को किए मिसाइल परीक्षण के जवाब में उसपर नए प्रतिबंधों को मंजूरी दे दी है। नए प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया की पेट्रोलियम पदार्थों तक पहुंच सीमित कर दी गई है।
अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में उत्तर कोरिया के लिए डीजल और कैरोसीन सहित लगभग 90 प्रतिशत रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगेगा जिसकी सालाना अधिकतम सीमा पांच लाख बैरल तय हो सकती है, जिसकी वजह से उत्तर कोरिया में पेट्रोलियम उत्पादों का संकट पैदा हो सकता है।
इसके अलावा प्योंगयांग के लिए कच्चे तेल के निर्यात को कम कर एक साल में 40 लाख बैरल पर लाने का भी प्रस्ताव है। प्रस्ताव में 12 महीनों के अंदर विदेशों में काम कर रहे उत्तर कोरियाई श्रमिकों के प्रत्यावर्तन की मांग भी शामिल है।
साथ ही प्रस्ताव उत्तर कोरिया के लिए खाद्य उत्पादों, मशीनरी, लकड़ी, जहाजों सहित विद्युत उपकरण और पत्थर के निर्यात को रोक देता है। यह औद्योगिक उपकरण, परिवहन वाहनों और औद्योगिक धातुओं की आपूर्ति को भी प्रतिबंधित करता है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने कहा, ’29 नवंबर को प्योंगयांग ने अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। यह किम शासन द्वारा खुदको महान शक्ति के तौर पर पेश करने की एक और कोशिश थी, जबकि उसके नागरिक भूखे मर रहे हैं, उनके सैनिक दूसरे देश भाग रहे हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह उत्तर कोरिया द्वारा दी गई अभूतपूर्व चुनौती है। इसलिए हमने भी अभूतपूर्व प्रतिक्रिया दी है।’
संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के राजदूत मैथ्यू रायक्रॉफ्ट ने कहा कि उत्तर कोरिया अधिकांश पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल अपने अवैध परमाणु और बलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम्स को पूरा करने के लिए करता है।
उन्होंने कहा, ‘पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाइ रोकने से उत्तर कोरिया अब इस तरह के हथियान नहीं बना पाएगा।’ सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के खाद्य उत्पादों, मशीनों एवं औद्योगिक तथा विद्युत उपकरण के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगाया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने सुरक्षा परिषद के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है।