ट्रंप प्रशासन एक तरफ पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद रोककर भारत के साथ खड़ा होने की दलील पेश कर रहा है तो वहीं अब अमेरिका में नौकरी कर रहे हजारों भारतीयों को घर भेजने का इंतजाम भी कर रहा है।
ट्रंप प्रशासन ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, अगर वहां की संसद में वह पास होता है तो भारी संख्या में भारतीयों को स्वदेश वापसी करनी पड़ जाएगी। ट्रंप प्रशासन के इस प्रस्ताव के मुताबिक इसके पास होने पर एच 1 बी वीजा होल्डर प्रभावित होंगे। उनके वीजा रिन्यू नहीं किए जाएंगे। इन लोगों के ग्रीन कार्ड भी अभी सत्यापन की प्रक्रिया में लटके हुए हैं।
अमेरिकी कानून के मुताबिक ग्रीन न बनने की सूरत में एच 1 बी वीजा की अवधि 2-3 वर्ष तक ही बढ़ाई जा सकती है। प्रस्ताव के लिए डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्यॉरिटी को दिए गए ज्ञापन में इस बात की बहुत संभावना जताई गई है कि सत्यापन के लिए लंबित ग्रीन वाले एच 1 बी वीजा होल्डरों को अमेरिका छोड़ना पड़ेगा।
इस प्रस्ताव की जद में सबसे ज्यादा अमेरिकी आईटी सेक्टर के लोग आएंगे। यहां के आईटी सेक्टर में भारतीयों का बोलबाला माना जाता है।
सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री से संबंध रखने वाली संस्था नेसकॉम ने भी इस प्रस्ताव के पक्ष में समर्थन जाहिर किया है। अगले कुछ हफ्तों में नेसकॉम अमेरिकी सांसदों और प्रशासन के द्वारा तैयार किए जा रहे कानून के संबंध में होने वाले संवाद में भी हिस्सा ले सकती है।