अमेठी : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रथम अमेठी आगमन पर कांग्रेसियों ने जोरदार स्वागत की तैयारी कर रखी है। कांग्रेसियों के उत्साह एवं मुस्लिमों की सहभागिता के मायने राजनीतिक गलियारों में निकाले जा रहे हैं।
यह सच है कि लंबे समय से प्रदेश की सत्ता से दूर रहने का असर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन इसका यह कतई मकसद नहीं है कि अमेठी में कांग्रेस या गांधी नेहरु परिवार का वजूद ही विलुप्त हो रहा है।
राहुल गांधी के प्रथम आगमन पर कांग्रेसियों द्वारा की जा रही तैयारियों में कहीं ना कहीं लोकसभा चुनाव 2019 की दूरगामी रणनीति झलकती है। नेहरु गांधी परिवार की राजनीतिक सरजमी अमेठी व रायबरेली में ऐसे समय में भी कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा। जब बदलाव की लहर पूरे देश में चल रही थी यह साबित हो चुका है कि गांधी परिवार का रिस्ता यहां से सिर्फ राजनीतिक नहीं वरन जमीनी रहा है।
प्रदेश की सत्ता से कांग्रेस की दूरी के कारण विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के परंपरागत मतदाता वैकल्पिक प्रतिनिधि चुनते हैं। चाहे वो मायावती की बसपा रही हो या फिर अखिलेश की सपा। यही मतदाता लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पाले में दिखते हैं।
कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पूर्वांचल की दर्जनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की नजर है और पूर्वांचल का चुनावी राजधानी मुंशीगंज हो सकती है। हालांकि पार्टी स्तर और इसकी अधिकृत घोषणा नही की गई है, लेकिन राहुल गांधी के भव्य स्वागत की आड़ में जो दिख रहा है उसका मजमून तो कुछ ऐसा ही संकेत दे रहा है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी दौरे से वापस लौटने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का कार्यक्रम लगने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष के दौरे को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय हो उठे हैं। साथ ही तैयारियों एवं धमाकेदार कार्यकर्ताओं की वापसी से गैर कांग्रेसी चौकन्ने है। राहुल गांधी के आगमन पर ब्लॉक अध्यक्ष कृपा शंकर सिंह, एएच इंटर कॉलेज के प्रबंधक आशुतोष मिश्रा पूर्व सांसद राज करन सिंह महेंद्र तिवारी अंजनी श्रीवास्तव प्रधान प्रतिनिधि भनौली हुसैन हैदर प्रशांत रवि सिंह सुहैल अहमद पूर्व प्रमुख राम बरन मौर्य सरीखे दिग्गज एक साथ मैदान में खड़े दिखे।
रिपोर्ट@राम मिश्रा