एनआईए और ईडी से मिले सुराग के बाद कानपुर पुलिस ने पुराने नोटों का सबसे बड़ा जखीरा जब्त किया है। पुलिस ने कानपुर के नामी बिल्डर, कपड़ा कारोबारी और मनी एक्सचेंजर समेत 7 लोगों को करीब 90 करोड़ रुपये के पुराने नोटों के साथ पकड़ा है।
नोटबंदी करीब 14 महीने बाद इतनी बड़ी रकम कहां से आई और इसे कहां खपाने की तैयारी थी, इसको लेकर पुलिस की कई टीम इन लोगो से पूछताछ कर रही है।
बताया जा रहा है कि पुलिस को पुराने नोटों के जखीरे के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। जब अफसरों ने होटल गगन में छापा मारा तो उनकी आखें फटी रह गई। कई कमरों में बिस्तर की तरह नोटों के बंडलों को छिपा के रखा था।
पुलिस ने मौके से संतकुमार, संजय सिंह, अनिल और सहारनपुर के विजय प्रकाश और ओमप्रकाश को अरेस्ट किया है।
इस बारे में एसएसपी ए. के. मीणा ने बताया कि, “हमें सूचना मिली थी कि कानपुर के कुछ बड़े व्यापारी और बिल्डर ने करोड़ों की तादाद में पुराने नोट छिपा रखे हैं। जिसके आधार पर हमने छापा मारा और करोड़ों रुपये के नोट बरामद हुए। इस मामले में कई और लोगों के जुड़े होने के सबूत मिले हैं। जिन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।”
बता दें कि पिछले दिनों मेरठ के बिल्डर संजीव मित्तल के पास से पुलिस ने 25 करोड़ के पुराने नोट बरामद किए थे। इसके बाद एनआईए को जानकारी मिली थी कि यूपी में कानपुर समेत कई जिलों में मनीचेंजर गैंग सक्रिय हैं, जो औने-पौने दाम पर पुरानी करेंसी को नई करेंसी में बदल रहे हैं।
एनआईए की इसी सूचना के बाद विशेष टीम बनाकर मनी एक्सचेंजर और कुछ संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा रही थी, जिसके बाद यह बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
पुलिस फिलहाल नोटों की गिनती कर रही है। कहा जा रहा है कि यह रकम 100 करोड़ के ऊपर है। नोटों इतनी बड़ी तादाद में हैं कि उन्हें रखने के लिए बक्से मंगवाने पड़े।