भाजपा, आरएसएस और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की रैली पर भागलपुर शहर में दंगा भड़काने का आरोप लगा है। इस रैली का नेतृत्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत कर रहे थे। इस रैली में शामिल लोगों कथित तौर पर उकसाने वाले नारे लगा रहे थे।
इस रैली का आयोजन हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में नववर्ष जागरण समिति द्वारा किया गया था। यह रैली 15 किलोमीटर लंबे रास्ते से होकर गुजरी जिसमें आधे दर्जन मुस्लिम बहुल इलाके शामिल हैं। झड़प नाथनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले मेदिनी चौक पर हुई। यह इलाका मुस्लिम बहुल है।
सूत्रों के अनुसार मोटरसाइकिल रैली दोपहर के करीब 3.45 बजे जा रही थी तभी उसपर पत्थर फेंके गए। लालमाटिया आउटपोस्ट के इंचार्ज संजीव कुमार जो इस समय नाथनगर में तैनात हैं, उन्होंने कहा कि रैली में शामिल लोगों द्वारा उकसाने वाले नारे लगाए गए। जिससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ा।
इन आरोपो को शाश्वत ने सिरे से खारिज किया है। अरिजीत ने पिछली बार भागलपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। उन्होंने कहा- यह मोटरसाइकिल रैली थी। मैं स्थल से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर था तभी पत्थरबाजी शुरू हो गई। मेरे आगे पुलिस जीप चल रही थी। आप घटना की पुष्टि के लिए वीडियो क्लिप्स की जांच कर सकते हैं जिससे आपको पता चल जाएगा कि मैंने क्या कहा।
इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री चौबे ने कहा- मुझे गर्व है कि अरिजीत मेरा बेटा है। सभी भाजपा कार्यकर्ता मेरे बेटे की तरह हैं। हिंदू नव वर्ष को मनाने के लिए आयोजित की गई रैली का प्रतिनिधित्व करने में क्या गलत है? क्या मां भारत की बात करना गलत है? क्या वंदे मातरम कहना गलत है?
स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता संजीव कुमार जो इस रैली में शामिल हुए थे उन्होंने कहा- पत्थरबाजी तब हुई जब ज्यादातर मोटरसाइकिल आगे बढ़ गई थी। कुछ लोग नारे लगा रहे थे तभी मुस्लिमों ने प्रतिक्रिया दी। कुछ समय बाद पत्थरबाजी शुरू हो गई।
नाथनगर पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी ने कहा- दो समुदायों के बीच हुई इस झड़प में तीन पुलिसवाले जख्मी हो गए हैं। हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, पत्थरबाजी 45 मिनटों तक जारी रही। भागलपुर से एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।