उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में भाजपा नेताओं और मंत्रियों के बगावती तेवर थम नहीं रहे हैं। वर्ष 2017 में बसपा से भाजपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीखे बोल बोले हैं।
उन्होंने कहा कि मायावती की सरकार योगी से बेहतर तरीके से काम करती थी। योगी के मंत्री ने कहा, ‘मायावती के शासनकाल में कार्यपालिका ठीक तरीके से काम करती थी, क्योंकि बसपा सुप्रीमो खुद उस पर नजर रखती थीं।’ उन्होंने अफसरों पर बात न मानने का भी आरोप लगाया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘योगी सरकार में अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करते हैं। मायावती अफसरों पर खुद नजर रखती थीं।’ हालांकि, बाद में वह अपने बयान से पलट गए। उन्होंने कहा कि मीडिया ने उनके बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य मायावती के खास लोगों में से एक थे। बसपा सरकार में भी वह मंत्री थे। भाजपा में शामिल होने के बाद भी उन्हें मंत्री पद दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौर्य ने हाल में ही दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी। सूत्र बताते हैं कि यूपी के मंत्री ने पार्टी अध्यक्ष से योगी सरकार के कामकाज की शिकायत की थी।
दलितों की अनदेखी का आरोप: स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा सरकार दलितों और पिछड़ों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा के कुछ दलित नेताओं ने योगी सरकार पर पिछड़ी जातियों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं। इनमें से पार्टी के सांसद और विधायक भी शामिल हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले दलित नेताओं के बदले सुर से पार्टी की चिंता बढ़ गई है। अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी योगी सरकार पर वही आरोप लगाया है।
बेटी के लिए लोकसभा का टिकट चाहते हैं यूपी के मंत्री
स्वामी प्रसाद मौर्य के दिल में मायवाती के लिए अचानक से पैदा हुआ अनुराग बेमतलब नहीं है। मौर्य पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें कुशीनगर के पडरौना से विधायकी का टिकट दिया था। जीतने के बाद उन्हें मंत्री भी बना दिया गया, लेकिन वह अपने विभाग से खुश नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौर्य अपनी बेटी संघमित्रा के लिए लोकसभा का टिकट भी चाहते हैं। बता दें कि संघमित्रा बसपा की टिकट पर मैनपुरी से चुनाव लड़ चुकी हैं।