नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अपने ‘मुसलमानों के खून के धब्बे’ वाले बयान पर अलग-थलग पड़ते नजर आ रहा हैं। कांग्रेस पार्टी ने भी अब सलमान खुर्शीद के बयान से किनारा कर लिया है। पीएल पुनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सलमान खुर्शीद के बयान से सहमत नहीं है। ये उनका निजी बयान है। इधर सलमान खुर्शीद भी अपने बयान पर सफाई देते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पुनिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सलमान खुर्शीद के बयान को उनका निजी बयान बताते हुए कहा, ‘सलमान खुर्शीद के बयान से कांग्रेस पार्टी असहमत है। ये बात सभी को मालूम होनी चाहिए कि देश के आजाद होने से पहले और बाद में भी कांग्रेस ही सिर्फ ऐसी पार्टी रही है, जिसने एक समानतावादी समाज बनाने के लिए काफी काम किया है। कांग्रेस पार्टी समाज के सभी वर्गों और लोगों को साथ लेकर चलती आई है।’
दरअसल, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में रविवार को आयोजित वार्षिकोत्सव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सलमान खुर्शीद ने छात्रों से सीधे संवाद किया। इस दौरान एक छात्र आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फाजों से धोना चाहेंगे। इस प्रश्न पर काफी देर चुप रहे सलमान खुर्शीद ने खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कह दिया कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग लगे हैं। मैं कांग्रेस का नेता हूं। इस नाते मुसलमानों के खून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर भी हैं।
छात्र आमिर मिंटोई ने खुर्शीद से दंगों और बाबरी मस्जिद पर सवाल किया तो आयोजकों ने छात्र को रोकने की कोशिश की, लेकिन सलमान खुर्शीद ने कहा कि इन्हें सवाल करने दीजिए। हालांकि राजनीतिक प्रश्न है। इसके बाद छात्र ने सवाल किया कि 1948 में एएमयू एक्ट में पहला संशोधन हुआ। उसके बाद 1950 में प्रेसिडेंशल ऑर्डर जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छीना गया।
सलमान खुर्शीद के बयान को लेकर कांग्रेस की काफी फजीहत हो रही है। ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता पीएल पुनिया को यह सफाई देनी पड़ी कि ‘मुसलमानों के खून के धब्बे’ वाले बयान से पार्टी इत्तेफाक नहीं रखती।