लखनऊ में पुलिस ने ऐपल के एक एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद से सरकार और पुलिस विभाग सकते में हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बृजेश पाठक और आशुतोषच टंडन ने परिजनों से मुलाकात कर उनको मदद का भरोसा दिया है। गौरतलब है मृतक विवेक तिवारी को पुलिस कांस्टेबल ने इसलिए गोली मार दी क्योंकि उन्होंने उसके कहने पर अपनी कार नहीं रोकी थी।
विवेक आईफ़ोन एक्सएस की लॉन्चिंग पार्टी से लौटकर अपनी महिला साथी को घर छोड़ने जा रहे थे। फिलहाल गोली मारने वाले दोनों सिपाहियों को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया है और परिवार 25 लाख की मदद और पत्नी कल्पना को सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया है।
परिवार से मिलने के बाद योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक ने कहा है कि आश्वासन समय सीमा में लागू होगा क्योंकि इस घटना की भरपाई नहीं की जा सकती है। हम सिविलाइजेशन के बारे में भी विचार करना होगा हम जंगलराज में नहीं जी रहे हैं हमें यह संदेश देना होगा।
पत्नी कल्पना ने पूछा सीएम योगी से सवाल
वहीं इस मामले में मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना का कहना है कि मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है बस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ये पूछता चाहती हूं कि मैं अपनी बेटियों का भविष्य 25 लाख रुपये में कैसे सुरक्षित करुंगी।
कल्पना ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है । साथ ही पुलिस विभाग में नौकरी देने और परिवार का भविष्य सुरक्षित करने के लिये एक करोड़ रुपये मुआवजे की भी मांग की है।
चश्मदीद ने बताया क्या हुआ था
विवेक तिवारी के साथ कार में मौजूद महिला ने द्वारा दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के हवाले से जानकारी मिली है कि शुक्रवार/शनिवार की रात करीब दो बजे वह अपने सहकर्मी विवेक तिवारी (38) के साथ कार से घर जा रही था रास्ते में गोमतीनगर विस्तार इलाके में उनकी गाड़ी खड़ी थी, तभी सामने से दो पुलिसकर्मी आये तो तिवारी ने गाड़ी आगे बढ़ाने की कोशिश की। इस दौरान एक सिपाही कार की हल्की चपेट में आ गया।
सना के मुताबिक पुलिसकर्मियों ने कार को रोकने की कोशिश की और उनमें से एक ने गोली चलायी, जो तिवारी को लगी। इसके कारण बेकाबू हुई कार अंडरपास की दीवार से जा टकरायी। हादसे में गम्भीर रूप से घायल तिवारी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मृत्यु हो गयी।
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
प्रदेश कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार ने भी इस घटना के लिये मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
उन्होंने कहा कि यह घटना प्रदेश में बेलगाम हो रही सत्ता का चरित्र उजागर करती है। मद में चूर पुलिस अंधी हो गयी है और जनता पुलिस तथा गुण्डों के पाटों के बीच पिस रही है। कुमार ने कहा कि गुण्डाराज और भ्रष्टाचार के खात्मे का नारा देकर प्रदेश की सत्ता में आयी भाजपा का चरित्र धीरे-धीरे बेनकाब हो रहा है।
पुलिस का चरित्र बदल रहा है, जिसके कंधों पर समाज की सुरक्षा की जवाबदेही है। वही वाहवाही लूटने के लिये मानवाधिकारों को खुलेआम उल्लंघन कर रही है।
चूंकि मुख्यमंत्री गृह विभाग की भी जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं, लिहाजा नैतिकता के आधार पर उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिये।