नई दिल्ली : अगले 4 महीनों में देशभर में आधे से ज्यादा एटीएम बंद होने जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 1.13 लाख ATM बंद किए जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर से बैंकों के आगे लंबी कतारे देखने को मिलेगी। देश में कैश की किल्लत हो जाएगी। आपको कैश निकालने के लिए बैंकों और एटीएम के सामने लंबी लाइन में लगना पड़ेगा।
दरअसल हाल ही में केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक गाइडलाइन जारी की, जिसमें एटीएम का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए कहा गया। नोटबंदी के बाद नए नोट जारी किए जाने की वजह से एटीएम मशीनों को अपग्रेड करना पड़ा है, जिसकी वजह से एटीएम चलाने का खर्चा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में एटीएम का रखरखाब करने वाली कंपनी ने कहा है कि वो इस नुकसान से बचने के लिए आधे से ज्यादा एटीएम बंद कर सकती
आधे से ज्यादा एटीएम बंद होने से आप पर इसका असर होगा। अगर CATMi की यह बात अगर सच होती है तो देश में खासकर ग्रामीण इलाकों में नकदी संकट बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रामीण इलाकों में अधिकांश काम कैस से ही होता है। अगर एटीएम की संख्या कम की जाती है तो उन्हें कैश के लिए बैंक जाने होंगे
इतनी बड़ी संख्या में ATM बंद किए जाने से देश में रोजगार के संकट पैदा हो जाएंगे। बड़ी संख्या में एटीएम बंद होने का असर रोजगार पर भी पड़ेगा। एटीएम बंद होने से बेरोगजारी बढ़ेगी। एटीएम सर्विस में बड़ी संख्या में लोग लगे होते हैं। अगर एटीएम बंद होंगे तो इतने लोगों पर बेरोजगारी की खतरा मंडराएगा।
अगर देश में आधे से ज्यादा एटीएम बंद होते हैं तो देश में एक बार फिर से नोटबंदी जैसे हालात बन सकते हैं। चूंकि ज्यादातर लोग एटीएम के जरिये रकम को निकालते हैं। ऐसे में जब एटीएम की संख्या घटेगी तो एटीएम और बैंकों के बाहर फिर से लंबी-लंबी लाइनें लगेंगी। ग्रामीण क्षेत्र में ही नहीं शहरों में भी एटीएमों के बाहर लाइन लगेगी। लोगों को पैस कैश निकलाने के लिए बैंक जाना होगा। ऐसे में एक बार फिर से आपको नोटबंदी जैसी स्थिति देखने को मिलेगी।
एटीएम इंडस्ट्री बॉडी CATMi ने कहा है कि एटीएम सर्विस में लगातार बढ़ रहे खर्च में अगर बैंकों ने हाथ नहीं बंटाया तो मुश्किल बढ़ जाएगी। एटीएम ऑपरेटर्स का खर्च लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में उन्हें बैंकों की ओर से मदद की उम्मीद है, लेकिन अगर बैंक उनकी मदद के लिए आगे नहीं आते हैं तो उनके पास एटीएम बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।