मुजफ्फरनगर : हनुमान मंदिर पर कब्जा कर लेने का मामला सामने आया है। जी हां, यहां दलित समाज के लोगों के एक दल ने इस मंदिर पर कब्जा किया। इस दल का नाम वाल्मीकि क्रांति दल बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक बीते मंगलवार को वाल्मीकि क्रांति दल के सदस्य अचानक यहां स्थित सिद्धपीठ संकटमोचन श्री हनुमान मंदिर पर पहुंचे।
दल के सदस्यों ने मंदिर के पुजारी को वहां से हटा दिया और खुद वहां आने वाले श्रद्धालुओं को तिलक लगाकर प्रसाद वितरण करने लगे। इतना ही नहीं वाल्मीकि क्रांति दल के सदस्यों ने इस हनुमान मंदिर का नाम बदलकर ‘दलित हनुमान मंदिर’ कर दिया और इसके बैनर भी लगा दिए।
इस दल के अध्यक्ष दीपक गंभीर अपने साथियों के साथ मंदिर में ही डट गए तथा वहां आने वाले चढ़ावे को भी अपने कब्जे में लेने लगे।
करीब आधे घंटे तक यह हंगामा वहां चलता रहा और मंदिर के पुजारी बेबस होकर सबकुछ देखते रहे। इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। इलाके के लोगों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
पुलिस ने दीपक गंभीर को मंदिर की गद्दी से हटाया तथा उनके साथियों पर हल्का बल प्रयोग कर उन्हें वहां से खदेड़ा। करीब घंटे भर बाद पुलिस की सख्ती की वजह से वहां हालात सामान्य हुए।
इधर वाल्मीकि क्रांति दल के अध्यक्ष दीपक गंभीर ने धमकी दी है कि दल के सदस्य यहां के सभी मंदिरों पर धीरे-धीरे कब्जा करेंगे।
दरअसल पिछले महीने राजस्थान में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी को लेकर कहा था कि ‘एक ऐसे लोक देवता हैं जो अब स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं।
पूरे भारतीय समाज को उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक सबको जोड़ने का काम बजरंगबली करते हैं।’
यूपी के सीएम के इस बयान के बाद हंगामा मच गया। साधू-संतों ने हनुमान जी को दलित बताने से नाराज होकर आदित्यनाथ को कानूनी नोटिस तक भेज दिया। कई और लोगों ने भी इस पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।
कुछ ही दिन पहले भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने सीएम के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि दलितों को चाहिए कि जितने भी हनुनान मंदिर हैं उन पर कब्जा कर लें और आने वाले चढ़ावे को अपने कब्जे में ले लें।
जिसके बाद वाल्मीकि क्रांति दल के सदस्यों ने मुजफ्फरनगर के हनुमान मंदिर पर कब्जा किया।