लखनऊ / फतेहपुर: समाजवादी पार्टी व बसपा गठबंधन में फतेहपुर लोकसभा सीट से टिकट कटने से नाराज चल रहे समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद राकेश सचान ने अंततः समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कहकर कांग्रेस का हांथ थाम लिया। दो मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी व ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में आस्था जताते हुए सदस्यता ग्रहण की। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पूर्व सांसद कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से टिकट का अश्वासन मिलने के बाद पार्टी में शामिल हुए है। राकेश सचान के कांग्रेस में शामिल हो जाने से इस सीट पर कांग्रेस को संजीवनी मिल गयी है।
सपा के कद्दावर नेताओ में गिने जाने वाले कानपुर निवासी राकेश सचान छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं। जबकि समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद वह 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक बने। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट से सांसद बनकर लोकसभा क्षेत्र 49 प्रतिनिधित्व किया। लोकसभा चुनाव 2014 में समाजवादी पार्टी ने राकेश सचान को पुनः फतेहपुर से प्रत्याशी बनाया लेकिन मोदी लहर होने के कारण भाजपा उम्मीदवार एवं वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एवं बसपा प्रत्याशी अफजल सिद्दीकी से भारी अंतर से पराजित होना पड़ा। चुनाव हारने के बाद भी राकेश सचान जनता के बीच बने रहे गाँव-गाँव जनसम्पर्क अभियान व सप्ताह में एक दिन सभी तहसीलों में जनता दरबार के माध्यम से वोटरों के सम्पर्क साधते रहे। लोकसभा चुनाव 2019 में भी इन्हें जनपद से समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर रखा था। लेकिन मोदी रथ को रोकने के लिये समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी के हुए गाठबन्धन में यह लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गयी।
टिकट को लेकर राकेश सचान ने कई बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से वार्ता की लेकिन बात न बनने पर अंततः राकेश सचान सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। किसी समय सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले राकेश सचान सपा के दिग्गज नेताओं में शुमार किये जाते थे। राजनैतिक जीवन की बात की जाय तो लोकसभा चुनाव 2009 में राकेश सचान ने चुनाव जीतकर संसद में पहली बार समाजवादी पार्टी से फतेहपुर का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने लोकसभा की यह सीट बहुजन समाज पार्टी के महेन्द्र निषाद से लगभग एक लाख मतो के भारी अंतर से जीती थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एकबार फिर उन पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा था। जहाँ राकेश सचान तीसरे नम्बर पर रहते हुए भजपा उम्मीदवार और वर्तमान में जनपद की सांसद और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से 306270 वोटो से पराजित होते हुए। चुनाव में बीजेपी की साध्वी निरंजन ज्योति को 4,85,994, बसपा के अफजल सिद्दकी को 2,98,788 वोट मिले थे। जबकि सपा के राकेश सचान को 179,724 वोट हासिल हुए थे।
सपा में सेतु बनकर कराया था समझौता
वर्चस्व की जंग को लेकर समाजवादी पार्टी परिवार में चाचा भतीजा विवाद के मचे घमासान में समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य आजम खान, नरेश उत्तम समेत अन्य बड़े नेताओं के साथ राकेश सचान ने भी नेताजी मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव के बीच सेतु का माध्यम बनकर समझौता कराने के प्रयास में अहम भूमिका निभाई थी।
गठबंधन को हो सकता नुकसान
राकेश सचान को कुर्मी व मुस्लिम समाज में गहरी पैठ रखने वाला जमीनी नेता माना जाता है। यदि कांग्रेस पार्टी से सचान चुनाव लड़ते है तो सबसे अधिक नुकसान गठबंधन को होना तय है। जबकि बीजेपी के लिये राकेश का चुनाव लड़ना फायदेमन्द साबित हो सकता है।
राकेश सचान के सामने हैं कई चुनौतियां
राकेश सचान का कांग्रेस से चुनाव लड़ना और जीत की राह इतनी आसान नही है। जनपद में दो भागों में विभाजित कांग्रेस पार्टी गुटबाजी का भी शिकार है। एक ओर जहां पार्टी में जुझारु कार्यकर्ताओ का अभाव है वहीं बूथ स्तर पर पार्टी का ढांचा बेहद कमजोर है। कांग्रेस पार्टी के परम्परागत स्वर्ण-मुस्लिम सहित बैकवर्ड एवं दलित वोटों को एक बार फिर से पार्टी के साथ लाने की दरकार है। राकेश सचान के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी को न केवल एक चर्चित चेहरा मिल गया बल्कि जनपद में विलुप्त हो चुके पार्टी के प्रतिनिधित्व को एक बार फिर से जीत हासिल करने की संजीवनी भी मिल गयी है।
पूर्व सांसद का स्वागत आज
समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कहकर कांग्रेस का हाथ थामने के बाद प्रथम जनपद आगमन पर पूर्व सांसद राकेश सचान का जोरदार स्वागत कल किया जायेगा। श्री सचान कानपुर से चलकर जनपद आयेंगे। जनपद सीमा छिवली नदी पर पूर्वान्ह लगभग 11 बजे समर्थक एवं कांग्रेसी उनका जोरदार स्वागत करेंगे। स्वागत का यह सिलसिला रास्ते भर चलेगा। शहर के कई स्थानों पर भी उनका स्वागत किया जायेगा। तत्पश्चात पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व सांसद बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव पर चर्चा करेंगे।
रिपोर्ट @ शीबू खान