नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ‘चौकीदार चोर है’ बयान को लेकर खेद जताया है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव के आवेश में उन्होंने यह बयान दे दिया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने लीक दस्तावेजों को वैध मानते हुए राफेल डील पर पुनर्विचार याचिका स्वीकार की थी। राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि ‘चौकीदार चोर है’।
बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना बताते हुए याचिका दाखिल की थी।
लेखी की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है।
कोर्ट ने कहा था कि राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के बयान को गलत तरह से पेश किया है। कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस जारी करते हुए 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘हम यह स्पष्ट करते हैं कि राहुल गांधी ने इस अदालत का नाम ले कर राफेल सौदे के बारे में मीडिया और जनता में जो कुछ कहा उसे गलत तरीके से पेश किया। हम यह स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया।’
बता दें कि 10 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेज के आधार पर सुनवाई की फैसला किया था।
सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने एक मत से दिए फैसले में कहा था कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं, उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई होगी।
इसके बाद राहुल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि चौकीदार चोर है।
लेखी ने अपनी याचिका में कहा कि गांधी ने अपनी निजी टिप्पणियों को शीर्ष न्यायालय द्वारा किया गया बताया और लोगों के मन में गलत धारणा पैदा करने की कोशिश की।
लेखी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने टिप्पणी की थी कि ‘अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया, चौकीदार चोर है।’