राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जौहर को गर्व का विषय बताया।
उन्होंने कहा कि जौहर या आक्रमणकारियों से बचने के लिए खुद को आग के हवाले करने की प्रथा गौरव का विषय है।
भाजपा पर ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘जौहर हमारे इतिहास में बलिदान और गौरव के बारे में रहा है।’
उन्होंने महाराणा प्रताप को त्याग और साहस का प्रतीक कहा। गहलोत का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब स्कूलों के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर कांग्रेस सरकार निशाने पर है।
इन बदलावों में भाजपा सरकार द्वारा कराए गए बदलावों को हटा दिया गया है। दामोदर सावरकर के नाम के आगे लिखे वीर शब्द को भी हटा दिया गया है। भाजपा ने इन बदलावों का विरोध किया है।
केवल इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ धाम की गुफा में ध्यान लगाने का भी मजाक उड़ाया।
उन्होंने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि मोदी अब क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि वह भगवा धारण करके एक गुफा के अंदर बैठे हुए हैं। भगवान ही जानें वह क्या संदेश देना चाहते हैं। हर कोई उन्हें देख रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनके चेहरे और शरीर के हाव-भाव को देखिए। देश देख चुका है कि वह क्या संदेश देना चाहते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें बहस की चुनौती दी लेकिन वह पीछे हट गए। वह मुद्दों पर चर्चा करने से पीछे क्यों हट जाते हैं? पांच साल में उन्होंने क्या किया है? उनका दृष्टिकोण क्या है? उन्होंने केवल अपने प्रचार और रणनीति को लेकर बातचीत की। मोदी और शाह लोगों के लिए केवल मजाक का विषय बनकर रह गए हैं।
बता दें कि शनिवार को भगवान शिव की आराधना के बाद रविवार को प्रधानमंत्री मोदी भगवान विष्णु की आराधना करेंगे। आज सुबह सात बजकर बीस मिनट पर प्रधानमंत्री मोदी गुफा से बाहर आए। अब वह एक बार फिर बाबा केदार के दर्शन करेंगे और इसके बाद बदरीनाथ के लिए रवाना होंगे।
प्रधानमंत्री हेलीपैड से सीधे बदरीनाथ समिति के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में पहुंचेंगे। जहां से वह मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाएंगे। इसके बाद माणा जनजाति के लोगों द्वारा बनाई गई ऊन की शॉल उन्हें भेंट की जाएगी।