वनडे क्रिकेट का महाकुंभ आईसीसी वर्ल्ड कप आज से शुरू हो रहा है। इस बार भारत और मेजबान इंग्लैंड को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
भारत तीसरी बार और इंग्लैंड पहली बार यह प्रतिष्ठित खिताब हासिल करने की कोशिश करेगा। इंग्लैंड और वेल्स की संयुक्त मेजबानी में यह टूर्नमेंट 30 मई से 14 जुलाई तक होगा।
इस प्रतिष्ठित टूर्नमेंट में मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया (1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 का विजेता), भारत (1983 और 2011 का विजेता), वेस्ट इंडीज (1975 व 1979 का विजेता), पाकिस्तान (1992 का विजेता), श्री लंका (1996 का विजेता), अफगानिस्तान, बांग्लादेश, इंग्लैंड, न्यू जीलैंड और साउथ अफ्रीका शामिल हैं। नजर डालते हैं वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने वाली टीमों पर, कौन कितना मजबूत है।
भारत
वर्ष 1983 और 2011 के वर्ल्ड चैंपियन भारत को इस बार हर कोई खिताब का प्रबल दावेदार मान रहा है। आक्रामक कप्तान विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने 2018 में एशिया कप जीतने के अलावा ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका और वेस्ट इंडीज के खिलाफ भी सीरीज जीती है।
टीम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड को उसके घर में ही वनडे सीरीज में मात देकर बता दिया है कि वह सिर्फ कागजों पर ही नहीं, बल्कि मैदान में भी खिताब की दावेदार है।
क्रिकेट के तीनों विभागों (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग) में टीम का संतुलित होना, उसके लिए प्लस पॉइंट माना जा रहा है। रन मशीन कोहली, कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल टीम के गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।
टीम का मध्यक्रम हालांकि उसके लिए चिंता सबब है, लेकिन हालिया सीरीज में टीम इस कमी से पार पाती दिख रही है। बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में केएल राहुल और एमएस धोनी ने शतक जड़ा है।
इंग्लैंड
भारत के साथ अगर किसी को वर्ल्ड कप का दावेदार माना जा रहा है तो वह मेजबान इंग्लैंड हैं। 1975 में वर्ल्ड कप के शुरू होने से लेकर अब तक इंग्लैंड ने हर बार इस टूर्नमेंट में हिस्सा लिया है, लेकिन वह आज तक कभी चैंपियन बनने के सपने को पूरा नहीं कर पाया है।
क्रिकेट की जन्मस्थली इंग्लैंड अब तक तीन बार 1979, 1987 और 1992 में फाइनल तक जरूर पहुंचा है लेकिन तीनों बार उसे उपविजेता के तमगे से ही संतोष करना पड़ा है।
मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा। इसलिए वह इस बार खिताब का प्रबल दावेदार है। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उसे इतना फायदा मिलेगा कि वह इस बार अपने खिताबी सूखे को समाप्त कर पाएगी।
इयोन मोर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड मौजूदा समय में वनडे रैंकिंग में नंबर 1 स्थान पर काबिज है। मेजबान टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, जो रूट, कप्तान इयान मोर्गन और विकेटकीपर जोस बटलर के रूप में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा कर सकते हैं। उसकी बड़ा लक्ष्य हासिल करने की क्षमता उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
ऑस्ट्रेलिया
वर्ल्ड कप के इतिहास की सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया के सामने मौजूदा चैंपियन होने के नाते अपना खिताब बचाने की चुनौती है। स्टीवन स्मिथ और डेविड वॉर्नर की बॉल टेंपरिंग मामले में प्रतिबंध के बाद वापसी हुई है। स्मिथ और वॉर्नर के न रहने से टीम को अपने ही घर में इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका और भारत से वनडे सीरीज गंवानी पड़ी थी।
वर्ष 1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 की चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के लिए राहत की बात यह है कि वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही स्मिथ और वॉर्नर पर लगा प्रतिबंध खत्म हो गया है और टीम के खिलाड़ी फॉर्मे में आते दिख रहे हैं।
साउथ अफ्रीका
वर्ल्ड कप में ‘चोकर्स’ के नाम से मशहूर साउथ अफ्रीका के पास इस बार अपने ऊपर लगे इस दाग को धोने का समय है। वर्ष 1992, 1999, 2007 और 2015 में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली साउथ अफ्रीकी टीम अपने हरफनमौला खिलाड़ियों के दम पर सेमीफाइनल से आगे पहुंचना चाहेगी।
एबी डि विलियर्स के संन्यास लेने के बाद से अब कप्तान फाफ डु प्लेसिस, क्विंटन डि कॉक, हाशिम अमला और डेविड मिलर जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी। गेंदबाजी में कगिसो रबाडा और लुंगी गिडी टीम के लिए गेम चेंजर बन सकते हैं।
न्यू जीलैंड
पिछले वर्ल्ड कप में फाइनल तक पहुंचने वाली न्यू जीलैंड भी कमाल कर सकती है। 6 बार सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली किवी टीम के पास रॉस टेलर, मार्टिन गप्टिल और कप्तान केन विलियमसन के रूप में अनुभवी बल्लेबाज मौजूद हैं।
ब्रेंडन मैकुलम के संन्यास लेने के बाद से विलियमसन के नेतृत्व में टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और लॉकी फर्ग्यूसन की तिकड़ी किवी टीम को पिछले बार के सपने को पूरा कर सकती है।
वेस्ट इंडीज
दो बार की वर्ल्ड विजेता वेस्ट इंडीज के पास विस्फोटक बल्लेबाजों की भरमार है। लेकिन टीम के गेंदबाजी आक्रामण के पास अनुभव का अभाव है। इसके अलावा वह पिछले दो वर्ल्ड कप 2011 और 2015 में क्वॉर्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंच पाई थी। टीम का हालिया प्रदर्शन भी संतोषजनक नहीं रहा है।
2017 में उसने 22 मैचों मे सिर्फ 3 और 2018 में 18 मैचों में मात्र 8 में ही जीत दर्ज करने में सफल रही थी। वर्ल्ड कप के बाद इंटरनैशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर चुके विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल अपने इस आखिरी वर्ल्ड कप को यादगार बनाना चाहेंगे। अंतिम अभ्यास मैच में इस टीम ने न्यू जीलैंड जैसी टीम के खिलाफ 421 रनों का पहाड़ सरीखा स्कोर बनाते हुए दम दिखाया है।
पाकिस्तान
दो साल पहले भारत को हराकर चैंपियंस ट्रोफी जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को लेकर कोई भी भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी। सरफराज अहमद की टीम के पास बल्लेबाजी में वह आक्रमकता नहीं है, जो उसकी गेंदबाजी में नजर आती है।
टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी शोएब मलिक अब तक 284 वनडे मैच खेल चुके हैं। 37 साल के हो चुके मलिक का संभवत: यह आखिरी वर्ल्ड कप हो सकता है, जिसे वह यादगार बनाना चाहेंगे।
उनके अलावा मोहम्मद आमिर, बाबर आजम ऐसे प्रमुख खिलाड़ी हैं जो 1992 में वर्ल्ड कप जीतने वाली पाकिस्तानी टीम को मैच जिताने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
श्री लंका
वर्ष 1996 में वर्ल्ड कप जीतने वाली श्री लंकाई टीम हाल के समय सीमित ओवरों के क्रिकेट में मुश्किल दौर से गुजर रही है। पिछले संस्करण में क्वॉर्टर फाइनल से बाहर होने वाली श्री लंकाई टीम के पास दिग्गजों की कमी है।
श्री लंका की चिंता उसके पास अच्छे खिलाड़ियों की कमी है। वर्ल्ड विजेता बनने के लिए जो संयोजन और खिलाड़ी एक टीम को चाहिए होते हैं वह श्री लंका में दिखाई नहीं देते। हालांकि क्रिकेट दिन विशेष का खेल है, जो किसी भी समय पासा पलट सकता है।
बांग्लादेश
2015 के वर्ल्ड कप में क्वॉर्टर फाइनल तक पहुंचने वाली बांग्लादेश की टीम ने उसके बाद से अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार किया है। टीम 2017 चैंपियंस ट्रोफी के सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
बांग्लादेश के पास ऐसे खिलाड़ियों की फौज है जो वनडे में काफी प्रभावी साबित हो सकते हैं, लेकिन इस टीम का सबसे कमजोर पहलू उसका अति उत्साह है, जिसमें आकर टीम कई बार बहुत बड़ी गलितयां कर जाती है। साथ ही प्रदर्शन में निरंतरता भी उसकी एक समस्या हो सकती है।
अफगानिस्तान
अफगानिस्तान की टीम दूसरी बार वर्ल्ड कप में भाग ले रही है। 2018 एशिया कप में उसने श्री लंका और बांग्लादेश को हराया था और भारत के साथ टाइ खेलकर यह बता दिया कि आगामी वर्ल्ड कप में उसे कम आंकना, अन्य टीमों के लिए बड़ी भूल हो सकती है।
टीम की बल्लेबाजी बेशक कमजोर दिखाई दे रही हो लेकिन उसकी गेंदबाजी अन्य टीमों के लिए घातक साबित हो सकती है। लेग स्पिनर राशिद खान अफगानिस्तान के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं। इस टीम की खासियत यह है कि यह छोटे से छोटे लक्ष्य का बचाव कर सकती है।