कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार राज्य की एचडी कुमारस्वामी सरकार की तकदीर का फैसला करेंगे। लेकिन, उन्होंने मंगलवार को कहा कि उनका ऑफिस सिर्फ 13 में से उन पांच इस्तीफों पर ही अपनी प्रक्रिया शुरू कर पाएंगे जो कांग्रेस-जनता दल गठबंधन सरकार के बागी विधायकों की तरफ से दिए गए हैं।
उन्होंने इससे पहले, इस बात को रेखांकित करते हुए कहा था कि उन्हें इस बात के लिए यकीन करना होगा कि उन्होंने जो इस्तीफे दिए हैं वह ‘स्वैच्छिक’ और ‘वास्तविक’ हैं। स्पीकर के. आर. रमेश ने कहा कि आठ विधायकों की तरफ से दिया गया इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं था इसलिए उन्हें दोबारा इस्तीफा देना होगा।
रमेश कुमार ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि “अगर वे सभी अपने रूख पर बने रहते हैं तो निर्धारित नियम के अनुसार अपना इस्तीफा देना होगा।” विधानसभा स्पीकर ने बताया कि जिन पांच विधायकों ने सही फॉर्मेट में अपना इस्तीफा दिया है, उनमें पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी, गोपालैयाह, आनंद सिंह, नारायण गौड़ा और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं।
स्पीकर रमेश कुमार का पांच बागी विधायकों के साथ उनके इस्तीफे के पत्र को लेकर एप्वाइंटमेंट 12 और 15 जुलाई को सूचिबद्ध है। इसके अलावा, आठ अन्य को विधानसभा के नियमों के मुताबिक अपना इस्तीफे के पत्र को फिर से तैयार करना होगा।
कुमार ने आगे बताया कि उन्हें 14वें लेटर मिलना अभी बाकी है जो सुबह कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने दिया है। उन्होंने यह माना कि राज्यपाल वजुभाई वाला ने उन्हें वहां के राजनीतिक डेवलपमेंट पर दो पत्र भेजे थे और उन्होंने यह साफ किया कि कोई भी बागी विधायक उनसे व्यक्तिगत तौर पर नहीं मिला है।
स्पीकर के.आर. रमेश कुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वे निश्चित रूप से विधायकों की तरफ से किए गए इस्तीफे पर फैसला लेंगे। लेकिन, इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि संविधान या नियम में समय सीमा को लेकर कोई प्रावधान नहीं है।
राज्य की राजधानी बेंगलुरू में कांग्रेस विधायकों की चल रही बैठक के इतर विधानसभा स्पीकर ने कहा- “हमारे पास कुछ निश्चित नियम हैं… मैं उस हिसाब से चलूंगा। उसके बाद किसी तरह का फैसला लिया जाएगा। मुझे जिम्मेदार होना पड़ेगा।”
कांग्रेस ने पिछले एक हफ्ते के दौरान अपने करीब एक दर्जन विधायक खो दिए या फिर उन विधायकों ने मुंबई के लिए रवाना होने से पहले अपना इस्तीफा स्पीकर ऑफिस को भेज दिया है। जहां पर वे सबसे पहले सोफिएट होटल में रुके और उसके बाद सोमवार को शांतिपूर्वक पुणे के लिए रवाना हो गए और उसके बाद रनईसेन पोवई के लिए।
कांग्रेस के कई शीर्ष नेता और और इसके संकटमोचक डीके शिवकुमार बागी के साथ लगातार संपर्क करने की कोशिश इस उम्मीद में कर रहे हैं ताकि उन्हें उनका इस्तीफा वापस कराया जा सके। और इसके बदले में उन्हें कुमारस्वामी सरकार की तरफ से गिफ्ट के तौर पर मंत्री पद दिया जा सके।