दो सांसदों के चुनाव को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में दायर चुनाव याचिकाओं में कोर्ट ने बुधवार को नोटिस जारी किए।
याचिकाओं में आरोप है कि चुनाव की मतगणना में अनियमितता हुई थी। कोर्ट ने दोनों सांसदों को नोटिस जारी कर पूछा है कि उनका इस बारे में क्या कहना है।
याचिकाएं रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर और खरगोन सांसद गजेंद्र उमरावसिंह पटेल के निर्वाचन को चुनौती देते हुए दायर की गई हैं।
डामोर के खिलाफ याचिका कांग्रेस के टिकट पर उनके सामने चुनाव लड़ने वाले कांतिलाल भूरिया ने दायर की है। इसी तरह पटेल के खिलाफ चुनाव याचिका उनके सामने चुनाव लड़ने वाले गोविंद मुजाल्दे ने दायर की है।
दोनों ही याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट और उपमहाधिवक्ता अभिनव धनोतकर पैरवी कर रहे हैं। बुधवार को जस्टिस रोहित आर्य और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की बेंच में याचिकाओं की सुनवाई हुई।
मुजाल्दे की याचिका में अब सितंबर और भूरिया की याचिका में अक्टूबर में सुनवाई होगी। कोर्ट इसके पहले इंदौर और उज्जैन सांसदों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांग चुकी है।
यह कहा है याचिकाओं में
– सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग ने दिशा-निर्देश दिए थे कि हर विधानसभा के पांच मतदान केंद्रों पर औचक जांच की जाएगी। वीवीपैट और कंट्रोलिंग यूनिट के मतों का मिलान किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
– मॉक पोल के डेटा को रिलीट नहीं किया गया था।
– मतगणना के समय ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज मिली थीं, जबकि इन्हें मतदान के दिन सुबह सात से शाम छह बजे तक लगातार 11 घंटे चलाया गया था। इसके बावजूद बैटरी का 99 प्रतिशत चार्ज मिलना संकेत देता है कि मतदान के बाद बैटरी को इस्तेमाल किया गया था।