नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को बड़ा झटका देते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यदि कोई जांच एजेंसी किसी आरोपी के खिलाफ जांच करते हैं और उसे गिरफ्तार कर लेती है तो उसकी अग्रिम जमानत याचिका अपने आप निष्प्रभावी हो जाती है। यदि आप जमानत चाहते हैं तो उसके लिए उचित अदालत में जाएं। फिलहाल ईडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
आईएनएक्स मीडिया केस की अलग से जांच कर रहा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर चिदंबरम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल मे अदालत से कहा कि सीबीआई चिदंबरम से पूछ रही है कि क्या आपके पास ट्विटर अकाउंट है? यह किस तरह के सवाल उनसे पूछे जा रहे हैं? 26 घंटे की पूछताछ के बाद भी वह कुछ नहीं निकाल पाए हैं। यदि दस्तावेज उपलब्ध थे तो उनका उससे सामना क्यों नहीं करवाया गया? उन्होंने सीलबंद लिफाफे में दिल्ली उच्च न्यायालय के जज को दस्तावेज क्यों दिए? यह मीडिया ट्रायल है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय में चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत में जिरह करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि मुझे मौका नही मिला। यदि प्रक्रिया ऐसी चलेगी तो कैसे चलेगा। जिसपर अदालत ने उनसे कहा कि प्रक्रिया को लेकर वह अलग से अर्जी दाखिल कर सकते हैं। सिब्बल ने कहा कि यह मौलिक अधिकार का मामला है। मेरे पास कानून के तहत सुनवाई का अधिकार है।
इससे पहले याचिका लिस्टिंग नहीं होने के कारण सुनवाई शुरू नहीं हो पाई थी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद पी. चिदंबरम की सीबीआई के रिमांड आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया। जिसपर अदालत ने कहा कि रजिस्ट्री को इस संबंध में मामले को सूचीबद्ध करने के लिए आवश्यक कार्य करना होगा।
पीठ ने सिब्बल से कहा कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से रजिस्ट्री को आवश्यक आदेश मिलने के बाद उनकी याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी। सिब्बल से पीठ ने कहा, ‘रजिस्ट्री को कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और हमें प्रधान न्यायाधीश से आदेश लेना होगा।’
सीबीआई को 26 अगस्त तक मिली पी चिदंबरम की हिरासत आज खत्म हो रही है। इसी कारण आज दोपहर को उन्हें राउज ऐवेन्यू अदालत में पेश किया जाएगा। जहां सीबीआई उनकी और हिरासत की मांग कर सकती है। यदि ऐसा नहीं होता है तो उन्हें न्यायिक जेल भेज दिया जएगा। वहीं उनके वकील वहां जमानत अर्जी दाखिल कर सकते हैं जिसपर अदालत फैसला करेगी की चिदंबरम को राहत मिलनी चाहिए या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लांड्रिंग मामले में चिदंबरम को सोमवार तक गिरफ्तारी से राहत दी थी। पीठ ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगने के साथ ही तीनों मामलों को सोमवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था।
इससे पहले, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 और 21 अगस्त को सुनवाई से इनकार कर दिया था, जिसके बाद 21 अगस्त की रात को चिदंबरम को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। 22 अगस्त को उन्हें निचली अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया था।