आईएफडब्लूजे ने यह मांग भी उठाई कि पत्रकारों की ठेके पर नियुक्ति पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए और हर आठ साल के अंतराल पर उनके वेतन एवं भत्तों को बढ़ाने के लिए वेज बोर्ड का गठन किया जाए। अपनी मांगों को लेकर आईएफडब्लूजे समेत देशभर के पत्रकार 10 अक्टूबर 2019 को दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट (आईएफडब्लूजे) के एक प्रतिनिधिमंडल को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के पत्रकार भी अब वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट में शामिल कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नए प्रावधान के तहत सारी विसंगतियां दूर कर ली जाएंगी। आईएफडब्लूजे ने श्रम मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा है।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट के विशिष्ट स्वरूप को बचाए रखने की आवश्यकता है, जिससे पत्रकारों को अन्य लाभकारी कानूनों का लाभ पूर्व की तरह मिलता रहे।
ज्ञापन में आईएफडब्लूजे ने यह मांग भी उठाई कि पत्रकारों की ठेके पर नियुक्ति पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए और हर आठ साल के अंतराल पर उनके वेतन एवं भत्तों को बढ़ाने के लिए वेज बोर्ड का गठन किया जाए। अपनी मांगों को लेकर आईएफडब्लूजे समेत देशभर के पत्रकार 10 अक्टूबर 2019 को दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल में आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी, प्रधान महासचिव परमांनद पांडे, राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ कलहंस, कोषाध्यक्ष रिंकू यादव और विशेष आमंत्रित सदस्य रवींद्र मिश्रा सहित इलेक्ट्रॉनिक व वेब मीडिया से जुड़े कई पत्रकार शामिल थे।